 
                                            - एयर इंडिया की फ्लाइट A171 के क्रैश होने के बाद प्रारंभिक जांच में इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच के कटऑफ स्थिति में जाने की बात सामने आई है।
- AAIB की रिपोर्ट में FAA की एडवाइजरी का उल्लेख है, जिसमें फ्यूल लॉक सिस्टम के डिसइंगेजमेंट की जांच का सुझाव दिया गया था।
- DGCA ने बोइंग और 38 ड्रीमलाइनर सहित सभी संबंधित विमान कंपनियों को फ्यूल लॉक सिस्टम की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
अहमदाबाद प्लेन (AI171) हादसे की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने भारत में रजिस्टर्ड सभी बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच 21 जुलाई तक करने का आदेश दिया है. इसको लेकर एनडीटीवी से बात करते हुए बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी ने कहा, "कोई भी विमान आसमान में जाता है तो सामन्य रूप से उसके 100 प्रतिशत यंत्र काम करते हैं और सभी मानक फिर चाहे वह कप्तानों की ट्रेनिंग हो या फिर इंजीनियरिंग या विमान की आवश्यकता हो उसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाता है."
'DGCA का आदेश सामान्य'
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, "एयर इंडिया की प्लेन क्रैश के बाद AAIB द्वारा जो प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है, उसमें एक अंश में कहीं दे रखा है कि FAA ने एक सूचना जारी की थी, जिसमें फ्यूल लॉकिंग डिस इंगेजमेंट के बारे में संकेत दिया था जिसके आधार पर सभी कंपनियों ने जांच पड़ताल की." उन्होंने आगे कहा कि इस रिपोर्ट (AAIB) में उसका जिक्र था इसलिए डीजीसीए सभी विमानों को इसमें डेढ़ सौ बोइंग कंपनी के हैं 737 और 38 ड्रीमलाइनर है उसमें इसे एक बार फिर से देखने का निर्देश दिया है जिसका अनुपालन किया जा रहा है और सभी सूत्रों से यह पता चल रहा है कि यह बिल्कुल सामान्य है.
'DGCA के आदेश से डरने की जरूरत नहीं'
राजीव प्रताप रूडी ने बताया, 'सभी विमानों की जांच के साथ पायलटों का पूरा प्रशिक्षण भी होता है. विमान की क्षमता भी पूरी रहती है. घटना होने के बाद ऐसी चिंता स्वाभाविक है. लेकिन मैं अपने अनुभव के साथ कह सकता हूं कि आज भी विमान की यात्रा सबसे सुरक्षित है.
हर मेडे कॉल की अलग वजह: रूडी
आरटीआई में हुए खुलासे को लेकर बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, "मेडे, मेडे' तो तब भी हो सकता है कि अगर मौसम खराब होने के कारण मैं अपना रास्ता बदल के जाऊं और तेल कम होने लगे. मैं डायवर्सन स्टेशन पर गया और मुझे लगा कि मेरे पास इतना ही तेल है कि मैं उतरूं. इसलिए मैंने मेडे कॉल किया. लेकिन वो मेडे इसलिए कॉल हुआ क्यूंकि मेरा इंजन खराब है, ये भी कहना उचित नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "मेडे के भी कई कारण होते हैं और उसके लिए भी एसओपी बनाए गए हैं कि आपको क्या फॉलो करना है. इसलिए ये कह देना कि ये मेडे हुआ और इस पर जान का खतरा था. हर मेडे की स्थिति अलग होती है उसके हिसाब से पायलट निर्णय करता है."
दरअसल, एक आरटीआई के जवाब में डीजीसीए ने बताया कि भारत में पिछले पांच साल में 65 फ्लाइट्स में उड़ान के दौरान हवा में या टेकऑफ करते समय इंजन बंद (शटडाउन) हुए. RTI रिपोर्ट से यह भी जानकारी सामने आई है कि 1 जनवरी, 2024 से 31 मई, 2025 के बीच 17 महीनों में 11 विमानों से 'मेडे' कॉल आईं. इनमें तकनीकी गड़बड़ी की सूचना देकर इमरजेंसी लैंडिंग की मांग की गई. इनमें से चार विमानों ने हैदराबाद में लैंडिंग की.
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