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मील का पत्थर होगा PM मित्र पार्क! टेक्सटाइल सेक्टर को मिलेगा बूस्ट, जन्मदिन पर प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन

मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख किसान कपास उगाते हैं, लगभग 6 लाख हेक्टेयर में फैली फसलों से निकलने वाला कपास अब सिर्फ कच्चे माल की तरह नहीं बेचा जाएगा. बल्कि यहीं धागा, कपड़ा, परिधान बनेगा और वही सामान सीधे ग्लोबल मार्केट पहुंचेगा.

  • प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को धार जिले के भैंसोला गांव में पीएम मित्र पार्क और पोषण अभियान की शुरुआत करेंगे.
  • मध्यप्रदेश देश के 47 प्रतिशत और विश्व के 24 प्रतिशत नॉन-जीएमओ ऑर्गेनिक कपास का उत्पादन करता है.
  • पीएम मित्र पार्क में आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिससे कपास उत्पादक किसानों को सीधे लाभ और आर्थिक विकास मिलेगा.
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भोपाल:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के धार जिले के ग्राम भैंसोला आने वाले हैं. यहां वो ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार एवं पोषण' अभियान और ‘आदि सेवा पर्व' की शुरुआत करेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री 2158 एकड़ में बनने वाले देश के पहले पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास भी करेंगे. दावा है कि इस पार्क से प्रदेश के कपास उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. यही वजह है कि देश की अग्रणी टेक्सटाइल कंपनियां अब तक 23 हज़ार 146 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव यहां दे चुकी हैं.

मध्यप्रदेश की धरती सिर्फ अनाज ही नहीं उगाती, बल्कि धागों में भी अपनी पहचान बुनती है. अशोक नगर की चंदेरी की चमक हो, खरगोन की महेश्वरी की नफ़ासत, धार के बाघ प्रिंट की लाल-काली छाप हो, या भोपाल की बटिक में रंगों का जादू, इंदौर की ज़री वर्क की बारीकी हो, या झाबुआ–आलिराजपुर की आदिवासी बुनाई का लोक रंग, हर डिज़ाइन, हर पैटर्न, हर कपड़ा, भारत की विविधता और कला की कहानी कहता है. यही ताना-बाना आज भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दे रहा है.

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खेती के बाद टेक्सटाइल सेक्टर सबसे अधिक हाथों को देता है काम

  • कुल निर्यात का 9 प्रतिशत टेक्सटाइल सेक्टर से 
  • 2030 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य
  • मध्यप्रदेश देश के 47% और दुनिया के 24% नॉन-जीएमओ ऑर्गेनिक कॉटन का उत्पादन करता है
  • प्रदेश के 18 जिलों की धरती कपास की फसल से लहलहाती है
  • करीब 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हर साल लगभग 24 लाख टन कपास पैदा होता है
  • 2024-25 में राज्य से 9,200 करोड़ रुपये से अधिक का टेक्सटाइल निर्यात हुआ है
  • 31 गीगावॉट से अधिक पावर क्षमता
  • एक हजार मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक औद्योगिक जल संसाधन
  • छह इनलैंड कंटेनर डिपो 
  • एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क

मध्यप्रदेश के कपड़ों को और चटख रंग मिल रहा है. अब इसे और रंगीला बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितम्बर को धार जिले के भैंसोला गांव में देश के पहले और सबसे बड़े ग्रीनफील्ड इंटीग्रेटेड पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास करेंगे. जहां फार्म से फैशन और फैशन से फॉरेन तक की पूरी वैल्यू चेन पूरी होगी.

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मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि काटन उद्योग के लिए हमारा प्रदेश राजधानी बने, कपास उत्पादक किसानों को लाभ पहुंचे, इसको लेकर कल एक बड़ा कार्यक्रम हो रहा है. मैं मध्यप्रदेश की धरती पर प्रधानमंत्री का हृदय से स्वागत करता हूं. कल उनका जन्मदिन भी है. ये प्रदेश की तरक्की में मील का पत्थर साबित होगा.

करीब 2,158 एकड़ में बना ये पार्क एक आदर्श औद्योगिक नगर होगा. जहां 20 MLD का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 10 MVA का सौर ऊर्जा संयंत्र, आधुनिक सड़कें, 81 प्लग एंड प्ले यूनिट्स, श्रमिकों और महिलाओं के लिए आवास और हॉस्टल की सुविधाएं होंगी. जानकार बताते हैं प्रदेश के कपास उत्पादकों को इसका सबसे बड़ा लाभ मिलेगा.

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टेक्सटाइल कंपनियां ने एमपी में दिया 23,146 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव

मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख किसान कपास उगाते हैं, लगभग 6 लाख हेक्टेयर में फैली फसलों से निकलने वाला कपास अब सिर्फ कच्चे माल की तरह नहीं बेचा जाएगा. बल्कि यहीं धागा, कपड़ा, परिधान बनेगा और वही सामान सीधे ग्लोबल मार्केट पहुंचेगा. यही वजह है कि देश की अग्रणी टेक्सटाइल कंपनियां यहां अब तक 23,146 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दे चुकी हैं. इससे 3 लाख रोजगार सृजित होंगे, जिनमें 60% अवसर महिलाओं के लिए होंगे.
युवाओं और आदिवासी इलाकों के लिए यह औद्योगिक क्रांति साबित होगी.

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सीएम मोहन यादव ने कहा कि उत्पादकों को प्रोत्साहन देने के लिए पीएम मित्रा पार्क के नाम से बहुत बड़ा पार्क बना रहे हैं. पुराने जमाने में इंदौर, देवास और उज्जैन में बड़ी-बड़ी मिल थी. कपड़ा बनाने के धागे से लेकर पहनने के कपड़े तक, ये पूरी साइकिल बनाकर किसानों को सहायता देंगे और उनके लायक उद्योग लगाएंगे, जिससे लोगों का जीवन बदले.

कुल मिलाकर धार, झाबुआ, रतलाम और उज्जैन के खेतों से निकलने वाले कपास के धागे, अब सिर्फ कपड़ा ही नहीं बुनेंगे, बल्कि बुनेंगे आत्मनिर्भर भारत और विकसित मध्यप्रदेश का सपना भी.

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