स्मृति ईरानी ने ट्विटर हैंडल से संबंधित आरोपों का जवाब संसद में दिया
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्राइन के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें उन्होंने उन 26 विवादित ट्विटर हैंडल की बात की थी जो बलात्कार की धमकी देने और सांप्रदायिकता फैलाने के लिए कथित तौर पर बदनाम हैं. आगे बढ़ने से पहले बता दें कि ओ ब्राइन ने गुरुवार को संसद में ट्विटर ट्रोलिंग का मुद्दा उठाया था और आरोप लगाया था कि ट्विटर पर अपशब्द भाषा और धमकियों का इस्तेमाल करने वाले कुछ ऐसे हैंडल हैं जिनका सीधे तौर पर बीजेपी से लेना देना है. साथ ही इनमें से कुछ को तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फॉलो करते हैं. डेरेक ने इनमें से कुछ ट्विटर हैंडल के नाम भी लिए थे और आरोप लगाया था कि इनमें से कुछ को पीएम मोदी के घर 'डिजिटल पार्टी' के लिए भी बुलाया गया है.
इसी बात पर राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अध्यक्ष से कहा कि ओ ब्राइन ने जिन लोगों के नाम लिये हैं उन्हें रिकॉर्ड से हटा दिया जाए क्योंकि वे आम लोग हैं. ईरानी ने कहा 'कल मेरे साथी डेरेक ओ ब्राइन ने एक व्यक्ति का नाम लिया जो कोई राजनेता नहीं था, कोई सेलिब्रेटी नहीं था. वो एक आम नागरिक था जिसे अभिव्यक्ति की आज़ादी तो है लेकिन उसे इस सदन में अपनी बात रखने का सौभाग्य हासिल नहीं है.'
स्मृति ने कहा 'मैं इस सदन से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं कि जैसा कि आप पहले भी करते आए हैं, उस व्यक्ति के नाम को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दें क्योंकि वह यहां खुद का बचाव करने नहीं आ सकता.'
बता दें कि ओ ब्राइन ने गुरुवार को कहा था कि '26 ट्विटर हैंडल जो रेप की धमकी, सांप्रदायिक धमकियां देते हैं, उन्हें भारत के प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं. 26...इनमें से दो हैंडल को ट्विटर ने सस्पेंड भी किया है. यहां मैं बता दूं कि ट्विटर कोई तृणमूल कांग्रेस या सीपीएम या डीएमके नहीं है, यह एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है.'
इसके साथ ही डेरेक ओ ब्राइन ने कुछ ट्विटर हैंडल के नाम भी लिए जिसमें - भकसाला और माहीविराम हैंडल थे. टीएमसी नेता ने कहा 'हम कहां जा रहे हैं सर? और यह ट्विटर ट्रोल्स, इन्हें पैसे दिए जाते हैं. और इन्हें न्यौता दिया जाता है, और ये बात किसी से छुपी नहीं है, ये किताब भी में भी छापी गई है. इन लोगों को पीएम के घर डिजिटल पार्टी के लिए बुलाया जाता है.' इन आरोपों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने किसी का नाम नहीं लिया था लेकिन ट्विटर पर राहुल राज जिनका ट्विटर हैंडल @bhak_sala है, उन्होंने स्मृति ईरानी को धन्यवाद लिखा और कहा कि 'आपने मुझे जैसे कई आम लोगों के लिए बात रखी.'
गौरतलब है कि राहुल राज, OpIndia नाम की साइट चलाते हैं और उन पर अपने पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक मुद्दे को छूने का आरोप है. हालांकि उन्होंने ओ ब्राइन के आरोप का खंडन किया है और कहा है कि उनके अकाउंट को ट्विटर ने कभी भी सस्पेंड नहीं किया है. बाद में उन्होंने यह भी लिखा कि वह कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना रहे हैं.
इसी बात पर राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अध्यक्ष से कहा कि ओ ब्राइन ने जिन लोगों के नाम लिये हैं उन्हें रिकॉर्ड से हटा दिया जाए क्योंकि वे आम लोग हैं. ईरानी ने कहा 'कल मेरे साथी डेरेक ओ ब्राइन ने एक व्यक्ति का नाम लिया जो कोई राजनेता नहीं था, कोई सेलिब्रेटी नहीं था. वो एक आम नागरिक था जिसे अभिव्यक्ति की आज़ादी तो है लेकिन उसे इस सदन में अपनी बात रखने का सौभाग्य हासिल नहीं है.'
स्मृति ने कहा 'मैं इस सदन से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं कि जैसा कि आप पहले भी करते आए हैं, उस व्यक्ति के नाम को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दें क्योंकि वह यहां खुद का बचाव करने नहीं आ सकता.'
बता दें कि ओ ब्राइन ने गुरुवार को कहा था कि '26 ट्विटर हैंडल जो रेप की धमकी, सांप्रदायिक धमकियां देते हैं, उन्हें भारत के प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं. 26...इनमें से दो हैंडल को ट्विटर ने सस्पेंड भी किया है. यहां मैं बता दूं कि ट्विटर कोई तृणमूल कांग्रेस या सीपीएम या डीएमके नहीं है, यह एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है.'
इसके साथ ही डेरेक ओ ब्राइन ने कुछ ट्विटर हैंडल के नाम भी लिए जिसमें - भकसाला और माहीविराम हैंडल थे. टीएमसी नेता ने कहा 'हम कहां जा रहे हैं सर? और यह ट्विटर ट्रोल्स, इन्हें पैसे दिए जाते हैं. और इन्हें न्यौता दिया जाता है, और ये बात किसी से छुपी नहीं है, ये किताब भी में भी छापी गई है. इन लोगों को पीएम के घर डिजिटल पार्टी के लिए बुलाया जाता है.' इन आरोपों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने किसी का नाम नहीं लिया था लेकिन ट्विटर पर राहुल राज जिनका ट्विटर हैंडल @bhak_sala है, उन्होंने स्मृति ईरानी को धन्यवाद लिखा और कहा कि 'आपने मुझे जैसे कई आम लोगों के लिए बात रखी.'
Thanks a lot @smritiirani ma'am. Thanks a lot. You spoke for the millions of commoners like me. https://t.co/Ex6qI07K80
— Rahul Raj (@bhak_sala) February 3, 2017
गौरतलब है कि राहुल राज, OpIndia नाम की साइट चलाते हैं और उन पर अपने पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक मुद्दे को छूने का आरोप है. हालांकि उन्होंने ओ ब्राइन के आरोप का खंडन किया है और कहा है कि उनके अकाउंट को ट्विटर ने कभी भी सस्पेंड नहीं किया है. बाद में उन्होंने यह भी लिखा कि वह कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना रहे हैं.
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