बेंगलुरू के इस घर में केवल Rain water का ही होता है उपयोग

रेनवाटर, पानी का शुद्ध और प्राकृतिक रूप, एआर शिवकुमार के बेंगलुरू स्थित घर में इस्‍तेमाल होने वाले पानी का एकमात्र स्रोत है. छत से गिरने वाली बारिश की हर बूंद का संग्रह, पानी का सावधानीपूर्वक प्रयोग और रिसाक्लिंग-परिवार ने अपनी पानी की सभी जरूरतों को केवल 'रेनवाटर' से पूरा किया है.

बेंगलुरू:

एआर शिवकुमार और उनका परिवार 28 वर्षों से बेंगलुरू के विजयनगर में बनाए घर में रह रहे हैं. इतने सालों में पानी की अपनी तमाम जरूरतों को उन्‍होंने सिर्फ बारिश के पानी (Rainwater)से पूरा किया है. शिवकुमार ने जब भारतीय मौसम विभाग (IMD)के बारिश (Rainfall) के आंकड़ों का अध्‍ययन किया तो उन्‍हें महसूस हुआ कि इसे संभव बनाने के लिए बेंगलुरू में पर्याप्‍त बारिश होती है. शिवकुमार कहते हैं, " (बेंगलुरू में) 900 मिमी से अधिक. लगभग 40 इंच बारिश हर साल होती है. 60x40 साइज के प्‍लॉट के लिए यह एक वर्ष दो लाख 23 हजार लीटर पानी में तब्‍दील हो जाती है." उन्‍होंने कहा, "इसके बाद मैंने अनुमान लगाया कि एक पूरे वर्ष में हमें कितने जल की जरूरत है तो यह 1,50,000 लीटर था. ऐसे में मैंने सोचा कि यदि हम इस पानी को  harvest करते हैं तो हमारे पास पूरे साल के लिए पानी होगा. दो अच्‍छी बारिश का सबसे लंबा अंतराल केवल 100 दिनों का  है, ऐसे में यदि हम 100 दिनों में बारिश स्‍टोर करते हैं तो पूरे साल के लिए पानी का प्रबंध कर सकते हैं. "

उन्‍होंने कहा, "इन 100 दिनों की जरूरत कितनी है? हम जल संरक्षण करने वाले लोग हैं और मैंने सोचा कि हमें 400 लीटर-चार लोगों के लिए प्रति व्‍यक्ति, प्रतिदिन 100 लीटर से अधिक पानी का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए. 40 हजार लीटर स्‍टोरेज हमारी जरूरत को पूरा कर सकता है. हमने 45 हजार लीटर का स्‍टोरेज तैयार किया जो सूखे के वर्षों के लिए सुरक्षा और मेहमानों के लिहाज से है. इस दिन के बाद से अब तक, यह 28वां वर्ष है और हमारे पास नगरीय निकाय की वाटर सप्‍लाई नहीं है. हमें वाटर टैंकर और पानी के अन्‍य स्‍त्रोत की जरूरत भी नहीं है. हमारे घर में पीने से लेकर सभी जरूरतों के लिए साफ पानी है. मैंने पानी के लिए अपनी जिंदगी में बिल का भुगतान नहीं किया है." 

इस सबकी शुरुआत घर की छत से हुई जिसे घर को ठंडा रखने के लिए सफेद रंग से पेंट किया गया है. शिवकुमार कहते हैं, "छत हमारे घर का मुख्‍य घटक है जहां साफ पानी गिरता है. इसमें हल्‍का ढलान है और यहां से पाइप, पानी को फिल्‍टर तक ले जाते हैं. फिल्‍टर की जरूरत इसलिए है क्‍योंकि धूल, चिड़‍ियों की बीट आदि सब कुछ है." छत का एरिया 1800 स्‍क्‍वेयर फीट है. शिवकुमार ने एकत्र किए गए और परिवार द्वारा इस्‍तेमाल किए गए रेनवाटर का केलकुलेशन किया है. उन्‍होंने कहा, "हम छत पर गिरने वाली पानी की हर बूंद को एकत्र करते हैं. साल में औसत हम 1.5 से 1.8 लाख लीटर पानी एकत्र करते हैं लेकिन अपने प्‍लॉट में हम दो लाख से दो लाख 20 हजार लीटर तक पानी Harvest करते हैं. हम 1.5 लीटर के आसपास पानी इस्‍तेमाल करते हैं और अतिरिक्‍त पानी,सामाजिक उद्देश्‍य  के लिए जमीन में रिचार्ज करते हैं. "

किचन और वॉशिंग मशीन के पानी का दोबारा इस्‍तेमाल (रीयूज) किया जाता है. किचन के सिंक से एक पाइप, घर के बाहर जाता है और इसे घर के गार्डन के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है. ओवरफ्लो वाटर एक टैंक में जाता है जिसमें वॉशिंग मशीन से इस्‍तेमाल किया पानी भी पहुंचता है. इस पानी का उपयोग टायलेट्स को फ्लश करने में होता है. हालांकि यह सब हमेशा आसान नहीं होता. शिवकुमार की पत्‍नी सुमा बताती हैं, "मुश्किल तब आई जब हमने पानी को रिसाइकल करना शुरू किया. कुछ दिन रखा पानी बदबू मारने लगता है. हम पानी के ट्रीटमेंट का ईको फ्रेंडली तरीका चाहते थे. मैं इनसे कह रही थी-कुछ कैमिकल्‍स का इस्‍तेमाल करो, यह आसान नहीं है. " लेकिन शिवकुमार यह कहते हुए इसके खिलाफ थे कि प्रकृति के खिलाफ कभी नहीं जाना चाहिए. ऐसे में हमने प्रयोग शुरू किए, हमें कई वर्षों तक गंध को सहना पड़ा.  हर चीज में हर किसी के सहयोग की जरूरत होती है."

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इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ साइंस में शिवकुमार का करियर 'ग्रीन लिविंग' (हरित जीवन) के लिए उनके जूनून के साथ आगे बढ़ा और रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए जागरूकता फैलाना उनके जॉब में शामिल है. वे कहते हैं, "रेनवाटर हार्वेस्टिंग की बेहद आसान प्रक्रिया है. हमारे पास घर है, छत है , हर घर में ड्रेनवाटर पाइप है. हमें क्‍या करना है कि उस ड्रेनपाइप के आगे फिल्टर लगा देना है जिसे मैंने विकसित किया है. वास्‍तव में अच्‍छा फिल्‍टर, धूल, पक्षियों की बीट और पत्तियों के कचरे को अलग कर देता  है. साफ पानी अपने Sump में जाना चाहिए. "  शिवकुमार ने बताया, "मेरा काम और मेरा जुनून, एक जैसे थे. IISc परिसर में, कर्नाटक स्‍टेट काउंस‍िल फॉर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी में मैंने 38 वर्ष बिताए हैं. मैंने जो यहां किया है, उसे हमने कई थीम पार्क और रिसोर्सेस सेंटर्स में प्रदर्शित किया है. हमने दिखाया है कि यह कितना किफायती और सरल है. हमें जटिल टेक्‍नोलॉजी की जरूरत नहीं है. साधारण उपकरण छत का पानी सालभर उपलब्‍ध करा सकते हैं. " कुकिंग, वॉशिंग, फ्लशिंग से लेकर खूबसूरत गार्डन तक, घर की पानी की सभी जरूरतें बेंगलुरू की बारिश से पूरी होती हैं. इस परिवार ने दिखाया है कि थोड़े से विचार और योजना से क्‍या संभव किया जा सकता है. परिवार में इस समय शिवकुमार के पोते सहित पांच लोग रह रहे हैं. शिवकुमार को पोता अभी कुछ ही माह का है और निश्चित रूप से वह  पानी के अनमोल संसाधन का सम्‍मान करने के पारिवारिक मूल्‍यों के साथ बड़ा होगा.