अमित शाह के राहुल गांधी पर कोविड वैक्सीन वाले आरोप पर कांग्रेस ने मांगे सबूत

लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने भारत के कोविड​​​​-19 वैक्सीन के बारे में गलत सूचना फैलाई.

नई दिल्ली:

लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस, राहुल गांधी और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने भारत के कोविड​​​​-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccination)के बारे में गलत सूचना फैलाई. वहीं, कांग्रेस के डिजिटल प्लेटफॉर्म की चीफ सुप्रिया श्रीनेत ने शाह के आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री झूठे आरोप लगा रहे हैं.

ससंद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, "भारत सफलतापूर्वक कोविड से लड़ने में सक्षम था. केंद्र, राज्य सरकारों और लोगों ने मिलकर कोविड से लड़ाई लड़ी. लेकिन विपक्ष ने वैक्सीनेशन को लेकर हमें निशाना बनाया. यहां तक ​​कि इसे 'मोदी वैक्सीन' भी कहा दिया गया."

गृहमंत्री ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव को घेरा
गृहमंत्री ने कहा, "राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे राजनेताओं ने भारत की वैक्सीन का विरोध किया. जनता से कहा कि ये मोदी वैक्सीन है लेना मत. लेकिन जनता ने मोदी पर विश्वास जताया और सभी डोज लगवाईं. कई नेताओं ने लॉकडाउन का विरोध किया. लेकिन हमने वैक्सीन पहुंचाई. लोगों की जान बचाई और राशन देकर 80 करोड़ से अधिक लोगों की मदद की. विपक्ष को सरकार पर भरोसा नहीं है. लेकिन देश के लोगों को मोदी सरकार पर भरोसा है.''

सुप्रिया श्रीनेत ने शाह को दी चुनौती
राहुल गांधी पर अमित शाह के हमले का जवाब देते हुए कांग्रेस डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, "अमित शाह आपको एक सबूत दिखाने की चुनौती देती हूं. एक सबूत दीजिए, जब राहुल गांधी ने कहा था कि कोरोना की वैक्सीन न लें. आप झूठे हैं. जो संसद में झूठ बोलते हैं" इस बीच सदन में अमित शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष के असली चरित्र को दर्शाता है.

गौरव गोगोई ने की चर्चा की शुरुआत
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद चर्चा शुरू की थी. कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मौन व्रत" को तोड़ने के लिए ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.

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बता दें कि पीएम मोदी को संसद में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है.