कश्मीर में कुछ डिग्री पारा चढ़ने से लोगों को कड़ाके की सर्दी से थोड़ी राहत मिली है. बृहस्पतिवार से अगले दो दिनों में कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की या मध्यम स्तर की बर्फबारी की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि समूची घाटी में रात के तापमान में करीब तीन डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद तीव्र ठंड से लोगों को मामूली राहत मिली है. कड़ाके की सर्दी की वजह से कई इलाकों में पानी की आपूर्ति करने वाली पाइप लाइनों में पानी जम गया. डल झील का अंदरूनी हिस्सा और घाटी के अन्य जलाशय भी जम गए.
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पारा बुधवार रात को शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस कम था. इसी तरह पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा जो बुधवार रात को शून्य से 7.4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में पारा 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा. कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम और आसपास के इलाकों में थोड़ी बर्फबारी हुई है लेकिन घाटी में फिलहाल शुष्क मौसम है. बहरहाल, मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार शाम से शुक्रवार तक कुछ स्थानों पर रूक-रूक कर हल्की से लेकर मध्यम स्तर की बर्फबारी होने की (75 फीसदी) संभावना है. उसने कहा कि पांच जनवरी तक बर्फबारी का कोई और पूर्वानुमान नहीं है.
कश्मीर में अभी ‘चिल्लई-कलां' का दौर जारी है. यह 21 दिसंबर को शुरू हुआ था जो 40 दिन तक चलता है जिसमें कश्मीर घाटी में शीतलहर चलने के साथ ही तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाती है. इस अवधि में बर्फबारी की प्रबल संभावना रहती है, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है. ‘चिल्लई-कलां' का दौर 30 जनवरी को समाप्त होगा और उसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द' शुरू होगा . उसमें भी कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी रहेगी. फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा' का दौर रहेगा, तब घाटी में ठंड में कमी आने लगेगी.
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