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This Article is From Mar 19, 2024

"मैं उत्साहित हूं..." : मुंबई स्टार्ट-अप के संस्थापक ने Nvidia के समर्थन पर जताई खुशी

स्फेरिकल इनसाइट्स एंड कंसल्टिंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक एआई बाजार 2022 में 168.5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2032 तक 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है.

"मैं उत्साहित हूं..." : मुंबई स्टार्ट-अप के संस्थापक ने Nvidia के समर्थन पर जताई खुशी
मुंबई:

एनवीडिया (NVIDIA) आर्टफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) कंपनी के तौर पर काम करने के साथ ही ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स के क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है. योट्टा डेटा सर्विसेज के एनवीडिया से ऑर्डर किए गए 4,000 से ज्यादा H100 सेमीकंडक्टर चिप्स सोमवार रात मुंबई के उपनगरीय इलाके में डिलेवर हुए. सभी कर्मचारी रात 10 बजे तक इसका इंतजार कर रहे थे. इसके आने को लेकर वो इतने उत्साहित थे कि डिलेवरी के लिए पहुंचे ट्रक का सामने नारियल तोड़े गए. फूल-मालाओं से स्वागत हुआ. उनका कहना था कि एक सपना पूरा होने जैसा है. 

एनवीडिया कॉर्प के सेमीकंडक्टर की इन दिनों काफी चर्चा है. कंपनी के उत्पाद काफी अच्छे हैं और ये एआई के विकास के लिए काफी सहायक हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक एआई तकनीक ने दुनिया भर के उद्योगों में हलचल पैदा कर दी है. OpenAI और Google जैसी कंपनियों ने अमेरिका में ऐसे चिप्स में अरबों डॉलर का निवेश किया है. वहीं योट्टा AI पर भारत का अब तक का सबसे बड़ा दांव लगा रही है.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक, सुनील गुप्ता ने एनवीडिया के सेलिब्रिटी सीईओ जेन्सेन हुआंग के साथ बनाए गए रिलेशन के कारण देश के बेहतर प्रौद्योगिकी शख्स और समूहों में बढ़त हासिल कर ली है. योट्टा के सोमवार को कैलिफोर्निया में एनवीडिया के डेवलपर सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है, जो अमेरिका से बाहर बाजारों में एआई की क्षमता का एक शुरुआती उदाहरण है.

52 वर्षीय सुनील गुप्ता ने कहा, "मैं महत्वाकांक्षी हूं, मैं उत्साहित हूं. मैं एआई के भविष्य पर दांव लगाने को तैयार हूं."

योट्टा की रणनीति भारत में डेटा केंद्रों से हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग क्षमताओं की पेशकश करना है, ताकि देश के कारपोरेशन, स्टार्टअप और रिसर्चर अपनी खुद की एआई सर्विस विकसित करने में सक्षम हो सकें.

बाज़ार में सबसे उन्नत एनवीडिया चिप्स, बड़े भाषा मॉडल के प्रशिक्षण और ओपनएआई के चैटजीपीटी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के कोडिंग सहायक, गिटहब कोपायलट जैसे एप्लिकेशंस के निर्माण के लिए जरूरी हैं.

सुनील गुप्ता का अनुमान है कि देरी के मुद्दों के कारण उन्हें देश के बाहर क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज पर बढ़त मिल गई है, और उन्होंने दुनिया में एनवीडिया एआई चिप्स की सबसे कम कीमत में पहुंच बनाने का संकल्प लिया है, यहां तक ​​कि वो सीमित बजट वाले भारतीय स्टार्टअप्स को नकदी के बजाय इक्विटी देने पर भी विचार कर रहे हैं.

स्फेरिकल इनसाइट्स एंड कंसल्टिंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक एआई बाजार 2022 में 168.5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2032 तक 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है.

सैनफोर्ड सी. बर्नस्टीन के विश्लेषक स्टेसी रसगॉन ने कहा, "ये एआई के आकर्षक क्षेत्र में पैसा बनाने का दौर है. हालांकि अभी भी ये एआई के शुरुआती दिन हैं और कंपनियां सोच-समझकर कदम उठा रही हैं."

भारत में इस महीने आर्टफिशियल इंटेलीजेंस के एक नए युग की कठिन शुरुआत हुई है.

योट्टा की एनवीडिया चिप्स की खेप, जून तक लगभग 20,000 तक पहुंच जाएगी, हालांकि वैश्विक मानकों के हिसाब से ये बहुत बड़ी नहीं है. माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प जैसे टेक दिग्गज इन्हें हजारों की संख्या में खरीदते हैं, और मेटा प्लेटफॉर्म इंक के मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि उनका लक्ष्य साल के अंत तक 350,000 एच100 हासिल करने का है. फिर भी, एनवीडिया की आपूर्ति मांग से बहुत कम है, इसलिए सीईओ हुआंग को आवंटन को कैलिब्रेट करना होगा, क्योंकि कॉर्पोरेट टाइटन्स और राज्य प्रमुख आवंटन के लिए दबाव डाल रहे हैं.

भारत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सितंबर में, हुआंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कहा कि वो देश में डेटा सेंटर ऑपरेटरों के ऑर्डर को प्राथमिकता देंगे. हुआंग ने उस समय कहा, "आपके पास डेटा है, आपके पास प्रतिभा है. ये दुनिया के सबसे बड़े एआई बाजारों में से एक होने जा रहा है."

सुनील गुप्ता की इस क्षेत्र में विश्वसनीयता है. वो डेटा सेंटर व्यवसायों पर दशकों से काम कर रहे हैं और रियल एस्टेट अरबपति निरंजन हीरानंदानी के समर्थन से 2019 में योट्टा की सह-स्थापना की. क्लाउड कंप्यूटिंग ऑपरेटर के रूप में, योटा वेल्स फ़ार्गो एंड कंपनी जैसी कंपनियों को डेटा स्टोरेज और कंप्यूटिंग पावर तक पहुंच देता है, जिसे वे अपने स्वयं के हार्डवेयर को खरीदे और इंस्टॉल किए बिना आवश्यकतानुसार बढ़ा या घटा सकते हैं.

देश के दो सबसे बड़े समूह टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने भी एआई बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना बनाई है, लेकिन अभी तक एनवीडिया के सबसे उन्नत चिप्स का ऑर्डर नहीं दिया है.

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