
- MP पुलिस ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में दवा कंपनी के मालिक श्रीसन को हिरासत में लिया
- तमिलनाडु के श्रीसन फार्मास्युटिकल्स ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप का निर्माण किया है जो कई बच्चों की मौत का कारण बना है
- मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 20 से अधिक मासूम बच्चों की मौत हुई है
कफ सिरप कोल्ड्रिफ से मासूम बच्चों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. दवा कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सिरप, कोल्ड्रिफ, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत का कारण बना है. तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब और अरुणाचल प्रदेश सहित कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी अलर्ट जारी किया है.
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि श्रीसन फार्मा के मालिक एस. रंगनाथन को बुधवार रात हिरासत में लिया गया. उन्हें तमिलनाडु की चेन्नई की एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लाया जाएगा. यह गिरफ्तारी छिंदवाड़ा पुलिस द्वारा एक बड़े अभियान के बाद हुई है, जो आरोपी को हिरासत में लेने के लिए चेन्नई और कांचीपुरम गई थी.
क्या 20 बच्चों की मौत की जिम्मेदार तमिलनाडु सरकार?
मध्यप्रदेश के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बुधवार को कथित जहरीले कफ सिरप के सेवन से गुर्दे में संक्रमण के कारण राज्य के 20 बच्चों की मौत के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया. पटेल ने कहा कि दक्षिणी राज्य तमिलनाडु ने 'गंभीर लापरवाही' दिखाई है क्योंकि राज्य से बाहर जाने वाली दवाओं का निरीक्षण करना उसकी जिम्मेदारी है. पटेल ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य में आने वाली दवाओं की जांच करती है, लेकिन यह ‘विडंबना' है कि कफ सिरप के इस विशेष स्टॉक का परीक्षण नहीं किया गया.
कहां से शुरू हुआ विवाद
2 अक्टूबर को, तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने घोषणा की कि उनके द्वारा परीक्षण किया गया कोल्ड्रिफ सिरप का नमूना मिलावटी था. रिपोर्ट में कहा गया है कि नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (48.6 प्रतिशत डब्ल्यू/वी) पाया गया, जो एक जहरीला पदार्थ है, जो इसकी सामग्री को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना सकता है. डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) एक जहरीला पदार्थ है जो किडनी को नुकसान पहुंचाता है. सीडीएससीओ द्वारा किए गए निरीक्षण में श्रीसन फार्मा की फैक्टरी में डीईजी के बिना बिल वाले कंटेनर पाए गए. कंपनी कथित तौर पर कफ सिरप में 46-48 प्रतिशत डीईजी मिला रही थी, जबकि सीमा केवल 0.1 प्रतिशत है. इस बीच, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी एक सलाह में, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. सुनीता शर्मा ने बाल चिकित्सा आबादी में कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग का आग्रह किया.
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