कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी से अर्जित लगभग 30 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को कुर्क करने के लिए आरोपी भोला प्रसाद को माननीय न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है. यह कार्रवाई सोनभद्र पुलिस द्वारा एक संगठित नशीले पदार्थों की तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश करने के बाद की जा रही है.
यह मामला जनपद सोनभद्र के थाना रॉबर्ट्सगंज में मुकदमा अपराध संख्या 1191/25 के तहत बीएनएस (BNS) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2)(क) और एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) की धारा 27A/29 में पंजीकृत है. विवेचना के दौरान वाराणसी निवासी अभियुक्त भोला प्रसाद (पुत्र स्व. रामदयाल) के खिलाफ एक बड़े ड्रग तस्करी रैकेट का खुलासा हुआ. जांच में सामने आया कि भोला प्रसाद ने रांची (झारखंड) में "शैली ट्रेडर्स" के नाम से एक गोदाम और ड्रग लाइसेंस के सभी दस्तावेज फर्जी तरीके से प्राप्त किए थे. उसने लाइसेंसिंग अथॉरिटी, रांची को गुमराह कर यह लाइसेंस हासिल किया था.
इस फर्जी लाइसेंस का दुरुपयोग करते हुए अभियुक्त ने झारखंड के रांची, पलामू, बोकारो और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर व बलिया जैसे कई जिलों में फर्जी फर्में स्थापित कीं. इन फर्मों के माध्यम से कागजों पर कोडीनयुक्त कफ सिरप की वैध आपूर्ति दिखाई गई, जबकि वास्तविकता में भोला प्रसाद ने तस्करों के साथ मिलकर कफ सिरप की अवैध तस्करी की. इस संगठित आपराधिक गतिविधि से उसने भारी मात्रा में अवैध धन कमाया, जिसका उपयोग उसने महंगे आवास, वाहन खरीदने और विभिन्न बैंकों में बड़ी धनराशि जमा करने में किया.
अभियुक्त द्वारा अवैध कारोबार से अर्जित संपत्ति की अनुमानित कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये पाई गई है. इसी क्रम में, सोनभद्र की एसआईटी (SIT) टीम ने नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत भोला प्रसाद की अवैध संपत्ति कुर्क करने के लिए माननीय न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत की. न्यायालय द्वारा जारी नोटिस अभियुक्त को तामील (सर्व) करा दिया गया है. वर्तमान में चिह्नित संपत्तियों को कुर्क करने की विधिक कार्यवाही प्रचलित है. यदि भविष्य में इस आपराधिक कृत्य से अर्जित कोई अन्य संपत्ति प्रकाश में आती है, तो नियमानुसार उस पर भी कुर्की की कार्यवाही की जाएगी.
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