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This Article is From May 08, 2023

फ्लाइट में यात्रियों से दुर्व्यवहार का मामला : SOP बनाने को लेकर SC ने DGCA और केंद्र को जारी किया नोटिस

याचिका में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शराब परोसने की सीमा निर्धारित करने की मांग भी की गई है.  कंपनियां हवाईअड्डों और विमानों में अनियंत्रित व्यवहार से निपटने के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करें और यह सुनिश्चित करें कि वे DGCA के मानदंडों के अनुपालन में हो.

फ्लाइट में यात्रियों से दुर्व्यवहार का मामला : SOP बनाने को लेकर SC ने DGCA और केंद्र को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली:

एयर इंडिया में हाल के दिनों में हुए पेशाब की घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक एसओपी बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने डीजीसीए और सिविल एविएशन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले पर जुलाई में अदालत में सुनवाई होगी. यह याचिका एक पीड़िता की तरफ से दायर की गई है. जिसमें DGCA और एयरलाइन कंपनियों को यात्रियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं से निपटने के लिए वैधानिक अनिवार्य SOP और नियमों को निर्धारित करने के निर्देश देने की मांग की गई है. 

याचिका में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शराब परोसने की सीमा निर्धारित करने की मांग भी की गई है.  कंपनियां हवाईअड्डों और विमानों में अनियंत्रित व्यवहार से निपटने के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करें और यह सुनिश्चित करें कि वे डीजीसीए के मानदंडों के अनुपालन में हो. भारतीय एयरलाइनों की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर शराब नीति पर दिशानिर्देश निर्धारित करने के निर्देंश दिए जाएं. श्रेणी के आधार पर बिना किसी भेदभाव के, परोसी जाने वाली शराब की मात्रा पर सीमा निर्धारित की जाए.

अदालत से मांग की गई है कि DGCA को अपने यात्री चार्टर में संशोधन करने का निर्देश दे. ताकि कर्मचारियों के यात्रियों द्वारा किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के अधीन यात्रियों के अधिकारों और उपायों को शामिल किया जा सके. जिसमें लोकपाल के माध्यम से पीड़ितों के लिए निवारण तंत्र और मुआवजे के मानदंड भी शामिल हों.

सभी समाचार और मीडिया संस्थाओं और एजेंसियों को आपराधिक मामले में अपराधी और याचिकाकर्ता को शामिल करने वाली रिपोर्ट करने से रोकने का निर्देश देने की मांग भी की गई है. याचिका में मांग की गई है कि उनके मामले मे पुलिस व पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाई जाए. ये याचिकाकर्ता और आरोपी के लिए और शर्मिंदगी की बात होती है. इससे यह सुनिश्चित होगा  कि पीड़ित और गवाह   भविष्य में ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने से नहीं पीछे नही हटेंगे 

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