
- मनाली से करीब 8 KM दूर नेहरू बांग कस्बे के पास स्थित नेहरू कुंड को स्थानीय लोग पंडित नेहरू से जोड़ते हैं.
- स्थानीय लोगों के अनुसार इस कुंड का पानी पोषक खनिज तत्वों से भरपूर होता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.
- बताया गया कि पंडित नेहरू ने मनाली में इस कुंड का पानी पहली बार पिया था और इसे बहुत पसंद किया था.
Manali Nehru Kund: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से जुड़ी कई धारणाएं लोगों के जेहन में हैं. इसमें कई चीजें फर्जी भी है. हालांकि पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों तक यह बातें पहुंच रही है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश से मच रही तबाही को रिपोर्ट करने ग्राउंड जीरो पर पहुंचे NDTV के रिपोर्टर को मनाली में पंडित नेहरू से जुड़ी एक ऐसी ही कहानी की जानकारी मिली. मनाली से करीब 8 किलोमीटर दूर नेहरू बांग कस्बे की ओर जाते वक्त एक बड़ी पहाड़ी से पानी रिसता हुआ नजर आया. वहां लोगों की भीड़ जुटी थी.
कौतूहल वश जब रिपोर्टर ने लोगों से उस रिसते पानी और कुंड के बारे में पूछा तो यह जानकारी सामने आई कि इस कुंड का पानी कभी मनाली से करीब 900 किलोमीटर दूर दिल्ली पंडित नेहरू के लिए भेजा जाता था.

मनाली से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित नेहरू कुंड.
मनाली में वॉक के दौरान नेहरू ने पहली बार पिया था इस कुंड का पानी
स्थानीय लोगों से मिली इस जानकारी पर विश्वास करना तो मुश्किल है, लेकिन स्थानीय लोगों ने जो कहानी बताई उसके अनुसार इस पानी में भरपूर पोषक खनिज तत्व मौजूद है. स्थानीय निवासी मदन ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू एक बार मनाली आए थे. सुबह-सुबह वॉक करते हुए वो काफी दूर आ गए.
मनाली से करीब छह किमी लेह हाईवे के किनारे एक तरफ बड़े-बड़े पहाड़ हैं. दूसरी तरफ़ व्यास नदी. इसी जगह पर उन्हें पहाड़ों से रिसता पानी दिखा. उन्होंने इस पानी को पिया. पंडित नेहरू को यह पानी इतना पसंद आया कि जब तक मनाली में थे तब तक वो इस कूप का ही पानी पीते थे.

नेहरू कुंड के पास स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर.
नेहरू के लिए मनाली से दिल्ली जाता था कुंड का पानी
स्थानीय मदन ने आगे बताया कि देश की आजादी के बाद प्रधानमंत्री बने पंडित नेहरू के लिए इस कुंड का पानी ख़ासतौर पर दिल्ली भेजा जाता था. जब लोगों को इस बात की जानकारी मिली तब से इस कुंड का नाम ही नेहरू कुंड पड़ गया है.
नेहरू कुंड के पानी की क्या है खासियत
स्थानीय लोगों ने बताया दुर्गम पहाड़ पर स्थित इस कुंड में पानी जब बड़ी-बड़ी चट्टान और पहाड़ों से आता है तो अपने साथ भरपूर पोषक खनिज तत्व लेकर आता है. जो इन परिस्थितियों में रहने जीव जन्तुओं और इंसानों के लिए बहुत उपयोगी होता है. हिमालय के पहाड़ों से निकलने वाली ऐसी जलधारा जंगल और पहाड़ों के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत उपयोगी रहती है.

नेहरू कुंड में हमेशा एक जैसा ही रहता है पानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि नेहरु कुंड के ठीक सामने व्यास नदी बह रही है. ऐसे समय में जब भारी बारिश में कई झरने कुंड में बहुत पानी आ जाता है तब नेहरु कुंड में गर्मी हो या बर्फ पड़ रही हो यहां तक कि भारी बारिश के बावजूद नेहरु कुंड में इतना ही पानी बना हुआ रहता है, जो लोगों के लिए हैरानी की बात है.
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