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This Article is From Jan 04, 2024

Mahadev App: महादेव एप मामले में नया चार्जशीट दाखिल, अब आरोपियों के प्रत्यर्पण की तैयारी

दोनों को हाल में ईडी की पहल पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के तहत दुबई में हिरासत में लिया गया था. माना जा रहा है कि एजेंसी ने पहले आरोप पत्र की सामग्री संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों से साझा की थी जिसके आधार पर दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया.

Mahadev App: महादेव एप मामले में नया चार्जशीट दाखिल, अब आरोपियों के प्रत्यर्पण की तैयारी

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन बुक ऐप (Mahadev Online Book App) के जरिये गैरकानूनी सट्टेबाजी और गेमिंग से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में रायपुर की विशेष अदालत में नया आरोपपत्र दाखिल किया. आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संघीय एजेंसी ने दूसरी अभियोजन शिकायत (आरोप) को दुबई के अधिकारियों से भी साझा किया है ताकि ऐप के दो प्रमुख प्रवर्तकों रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर का निर्वासन या प्रत्यर्पण कराया जा सके.

दोनों को हाल में ईडी की पहल पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के तहत दुबई में हिरासत में लिया गया था. माना जा रहा है कि एजेंसी ने पहले आरोप पत्र की सामग्री संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों से साझा की थी जिसके आधार पर दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लगभग 1,700-1,800 पन्नों का नया आरोपपत्र एक जनवरी को दायर किया गया जिसमें पांच लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है. इनमें कथित कैश कूरियर असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव, ऐप से जुड़े एक प्रमुख कार्यकारी शुभम सोनी और अन्य शामिल हैं. ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत द्वारा 10 जनवरी को आरोपपत्र पर संज्ञान लेने की उम्मीद है.

दिसंबर में ‘पीटीआई-भाषा' ने खबर दी थी कि संघीय एजेंसी जल्द ही मामले में दूसरा आरोपपत्र दायर करेगी और दो प्रवर्तकों के खिलाफ अपने मामले को मजबूत करने और उनकी हिरासत प्राप्त करने के लिए दुबई के अधिकारियों के साथ इसकी सामग्री साझा करेगी. ईडी ने दास और यादव को नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले गिरफ्तार किया था.

ऐप के कथित मालिक सोनी ने पहले एक वीडियो बयान जारी किया था और ईडी को एक हलफनामा भेज कर दावा किया गया था कि ऐप को बिना कानूनी कार्रवाई अपना अवैध कारोबार करने की अनुमति देने के लिए नेताओं और उनसे जुड़े व्यक्तियों को दी गई रिश्वत के ‘सबूत' हैं. एजेंसी ने रायपुर में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दायर अपने पहले आरोप पत्र में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया था.

एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास के बयान से ‘चौंकाने वाले आरोप' लगे हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. हालांकि, ईडी ने साथ में यह भी कहा कि ये आरोप ‘जांच का विषय' है.

बघेल ने इन आरोपों को उनकी छवि ‘खराब' करने का प्रयास बताया था जबकि कांग्रेस ने इसे अपने (तत्कालीन)मुख्यमंत्री के खिलाफ केंद्र की ‘बदले की राजनीति' करार दिया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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