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This Article is From Jan 04, 2024

महुआ मोइत्रा को सरकारी आवास मामले में दिल्ली HC से राहत नहीं, उचित ऑथारिटी के पास जाने के निर्देश

महुआ ने आवास रद्द करने के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC On Mahua Moitra) ने महुआ मोइत्रा को उचित ऑथारिटी के पास जाने को कहा.

महुआ मोइत्रा को सरकारी आवास मामले में दिल्ली HC से राहत नहीं, उचित ऑथारिटी के पास जाने के निर्देश
सरकारी आवास मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को राहत नहीं.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सरकारी आवास मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को राहत नहीं मिली है. सरकारी आवास आवंटन रद्द करने के नोटिस के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई बंद कर दी. दरअसल महुआ ने आवास रद्द करने के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने महुआ मोइत्रा को उचित ऑथारिटी के पास जाने को कहा. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा सरकार नियमों के हिसाब से उस पर फैसला ले.

वहीं महुआ मोइत्रा के वकील ने कहा कि वह अपने मामले पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार के संपदा निदेशालय के पास जाएगी. बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने महुआ को निष्कासन पर अंतरिम राहत देने से इनकार किया था.  दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति के लिए संपदा निदेशालय से संपर्क करने को कहा. दिल्ली उच्च न्यायालय ने महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासन के बाद उनके सरकारी आवास को रद्द करने के खिलाफ याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी. 

महुआ संपदा निदेशालय से करें संपर्क-HC

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सुनवाई के दौरान निष्कासित लोकसभा सदस्य एवं तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार द्वारा आवंटित आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति के लिए वह संपदा निदेशालय से संपर्क करें.  न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन प्रसाद ने कहा कि नियम अधिकारियों को यह अधिकार देते हैं कि वह असाधारण परिस्थितियों में किसी निवासी को निर्धारित सीमा से अधिक समय तक रुकने की अनुमति दे सकते हैं. न्यायामूर्ति ने कहा, "संपदा निदेशालय के समक्ष एक अभ्यावेदन पेश करें और वहां कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी." अदालत ने मोइत्रा को मौजूदा याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी. 

कानून के मुताबिक ही बेदखली का कदम उठाएगी सरकार-HC

यह देखते हुए कि कानून के अनुसार किसी निवासी को परिसर से बेदखल करने से पहले नोटिस देना अनिवार्य है, अदालत ने कहा, "हमें यह कहने की जरूरत नहीं है कि सरकार याचिकाकर्ता को कानून के मुताबिक ही बेदखल करने के लिए कदम उठाएगी."मोइत्रा ने अपनी याचिका में आग्रह किया था कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दिया जाए या वैकल्पिक रूप से उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति दी जाए. लोकसभा में पिछले साल आठ दिसंबर को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तृणमूल सांसद मोइत्रा को ‘अनैतिक आचरण' के लिए सदन से निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया था.इससे पहले, लोकसभा की आचार समिति ने मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में अनैतिक आचरण का दोषी पाया था और उन्हें सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी.

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