अयोध्या के विशाल राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शीर्ष नेताओं के शामिल होने से कुछ दिन पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड की टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है. ऐसे में उन्होंने खेद प्रकट किया है. जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि "भगवान राम मांसाहारी थे". राकांपा के शरद पवार खेमे से आने वाले अवहाद ने बुधवार को महाराष्ट्र के शिरडी में एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी.
जितेंद्र आव्हाड ने अपनी टिप्पणी को लेकर गुरुवार को कहा, "मैंने जो कल एक वाक्य कहा... मेरा मामना है कि पूरा भाषण बेहद सुंदर हुआ. लेकिन उस एक वाक्य की वजह से पूरा भाषण... तो उस वाक्य के प्रति जो भावनाएं लोगों के दिल में हैं, जो उनके दिल में दुख है उसके प्रति मैं खेद व्यक्त करता हूं."
अवध ने हिंदू महाकाव्य रामायण में भगवान राम द्वारा जंगलों में बिताए गए वर्षों का जिक्र करते हुए कहा, "भगवान राम हम बहुजनों के हैं. वह जानवरों का शिकार करते थे और खाते थे. वह एक बहुजन हैं. वे भगवान राम का उदाहरण देकर सभी को शाकाहारी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भगवान राम शाकाहारी नहीं थे, वह मांसाहारी थे. जो व्यक्ति 14 वर्षों तक जंगल में रहा हो, वह शाकाहारी भोजन खोजने कहां जाएगा?"
दरअसल, इस महीने के अंत में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के भव्य अभिषेक से पहले आई जितेन्द्र आव्हाड की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है, कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राकांपा के अजित पवार गुट के समर्थकों का एक बड़ा समूह बुधवार रात जितेन्द्र आव्हाड के मुंबई स्थित घर के बाहर पहुंचा और उनके खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारी आज सुबह जितेन्द्र आव्हाड का एक पोस्टर लेकर लौटे, जिसे उन्होंने बार-बार चप्पलों से मारा. ऐसे में पुलिस ने जितेन्द्र आव्हाड के घर के सामने अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है.
भाजपा विधायक राम कदम के नेतृत्व में, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे निकटतम पुलिस स्टेशन तक मार्च करेंगे और हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाली उनकी टिप्पणियों पर राकांपा विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे.
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