विज्ञापन
This Article is From Jun 01, 2022

मध्य प्रदेश: ठेला से खिलौना मांगने निकले शिवराज, पर 100 करोड़ से खरीदे खिलौने लापता

विधानसभा में डॉ सतीश सिकरवार के सवाल पर खुद लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने ही बताया था कि सरकार ने आंगनबाड़ियों के मप्र लघु उद्योग निगम द्वारा प्री स्कूल प्लानिंग एंड लर्निंग आइटम हेतु 2019 और 2020 में दो बार 94 करोड़ रुपए के खिलौने खरीदे थे.

ठेला पर खिलौना मांगने निकले सीएम शिवराज सिंह चौहान

भोपाल:

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan) खुद ठेला लेकर आंगनबाड़ियों के लिये खिलौने इकट्ठा करने निकले हैं. इंदौर में तो बच्चों ने गुल्लक तक दे दिये. सरकार कह रही है कि मकसद है आंगनबाड़ी में जनता की भागीदारी, लेकिन इस बात का कोई जवाब नहीं है कि जनता के पैसे जो सरकारी गुल्लक में रखे थे, कैसे उसे खिलौनों के नाम पर लुटाया गया. वो भी 1-2 नहीं लगभग 100 करोड़ रुपये.

मुख्यमंत्री भोपाल में आंगनबाड़ी के लिये ठेला लेकर खिलौने मांगने निकले तो 800 मीटर में 10 ट्रक खिलौने और 2 करोड़ रुपये मिले. इंदौर में 1 घंटे में 40 ट्रक खिलौने मिल गये, जिसके बाद उन्होंने कहा कि मैं आंगनबाड़ी के लिये सामान लेने निकला इंदौर की कृपालु जनता इतना सामान ले आई कि ठेले में लेना संभव नहीं था, कुपोषण को दूर करना है लेकिन समाज की भी ड्यूटी है.

बिल्कुल मुख्यमंत्री जी, जनता की भी जवाबदारी है लेकिन सरकार भी तो जवाबदारी समझे, क्योंकि विधानसभा में डॉ सतीश सिकरवार के सवाल पर खुद लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने ही बताया था कि सरकार ने आंगनबाड़ियों के मप्र लघु उद्योग निगम द्वारा प्री स्कूल प्लानिंग एंड लर्निंग आइटम हेतु 2019 और 2020 में दो बार 94 करोड़ रुपए के खिलौने खरीदे थे. यानी हर महीने करीब 4 करोड़ रुपए के खिलौने, यही नहीं 2021 में भी खिलौने खरीदे गये तो फिर ये खिलौने और सामान गये कहां?.

सड़क पर ठेला लेकर उतरे सीएम शिवराज, आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए लोगों से मांगी मदद

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं, "सरकार की खरीदारी पारदर्शी होती है, ई टेंडरिंग से सरकारी खरीद और बंटवारे का सिस्टम पारदर्शी होता है, कोई गड़बड़ी नहीं है. मध्यप्रदेश के नौनिहालों के लिये मानव संसाधन और मजबूत हो ये भावना है."

वहीं कांग्रेस नेता के के मिश्रा ने कहा, "जो बच्चों के मामा हैं वो सिर्फ इतना बता दें कि कोरोना में 100 करोड़ कौन डकार गया. जिन बच्चों को भोजन नहीं मिल रहा है उनका खिलौने से पेट ना भरे. ये बताएं किन-किन लोगों के चेहरे इसमें शामिल हैं."

PM मोदी ने भारतीय राजनीति का एजेंडा बदला, अब कांग्रेस को भी कहना पड़ रहा... : शिवराज सिंह

इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट की हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की 97139 आंगनबाड़ियों में से 32,338 में बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिये शौचालय तक नहीं हैं.

17,331 में पीने का पानी, 8600 में खाने के लिये थाली तक नहीं है. इन केन्द्रों में 84.90 लाख बच्चों के पोषण का जिम्मा है. अभी भी 29383 आंगनबाड़ी केन्द्र किराये से चलते हैं. 75700 केंद्रों पर बच्चों के बैठने की कुर्सियां तक उपलब्ध नहीं है, वहीं 64148 केंद्रों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है.

चुनाव पर 'पंचायत' खत्म, MP में OBC आरक्षण के साथ निकाय चुनाव के फैसले के बाद बीजेपी-कांग्रेस में 'जुबानी जंग' तेज

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com