सर्द मौसम और बारिश की फुहारों के बीच जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावितों के पुनर्वास और विस्थापन में हो रही देरी पर विरोध जताया. लोगों ने विधानसभा सत्र और कैबिनेट बैठक में जोशीमठ के प्रभावितों के मुद्दों पर अनदेखी का आरोप लगाया. स्थानीय लोगों ने मशाल जुलूस के जरिए अपना आक्रोश व्यक्त किया. बता दें कि जोशीमठ में सोमवार को दोपहर बाद से ही अचानक मौसम बदल गया था तेज बर्फीली हवाओं के बीच जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की अगुवाई में भारी तादाद में लोगों ने पूरे नगर में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया.
आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और लोगों ने कहा कि सरकार स्थानीय जन भावनाओं की उपेक्षा कर रही है. लोगों ने कहा कि संघर्ष समिति की मांग है कि पूरे नगर क्षेत्र को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए लेकिन सरकार द्वारा इस विषय में कोई भी सकारात्मक कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है.
जोशीमठ बाजार में उतरे आपदा प्रभावित लोगों का कहना था कि सरकार के द्वारा विस्थापन व पुनर्वास मैं जानबूझकर देरी की जा रही है. जबकि पूरा नगर क्षेत्र संवेदनशील बना हुआ है. महीनों का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक सरकार द्वारा नगर में विविध प्रकार के सर्वे के लिए भेजी गई 8 एजेंसियों की रिपोर्ट तक सार्वजनिक नहीं की गई है. इससे स्पष्ट होता है कि जोशीमठ की स्थिति खतरनाक है.
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के कमल रतूड़ी, प्रकाश नेगी, रोहित परमार ,देवेश्वरी साह आदि ने कहा कि सोमवार से शुरू हुए विधानसभा सत्र में जोशीमठ आपदा प्रभावितों की अनदेखी की जा रही है जिसको लेकर प्रभावितों में काफी आक्रोश है।
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