झारखंड के मंत्री जगरनाथ महतो का शुक्रवार को बोकारो जिले में दामोदर नदी के तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू ने उनके पैतृक स्थान अलार्गो सिमराकुली से एक किलोमीटर मीटर दूर भंडारीदह में दामोदर नदी के तट पर शाम पांच बजे उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख सचेतक बिरंचि नारायण भी मौजूद थे. जगरनाथ महतो का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और झारखंड सशस्त्र पुलिस के जवानों ने उन्हें 11 राइफलों की सलामी दी.
जगरनाथ महतो के निधन पर शोक प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘‘अपूरणीय क्षति! झारखंड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया. चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीय जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया.'' झारखंड के शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री महतो (56) का बृहस्पतिवार को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया था, जहां उनका उपचार हो रहा था. उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और चार बेटियां है. उनके पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह चेन्नई से रांची लाया गया था और अंतिम दर्शन के लिए विधानसभा परिसर में रखा गया था. झामुमो विधायक के पार्थिव शरीर को बाद में हरमू इलाके में पार्टी कार्यालय में रखा गया थ.
रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, कैबिनेट मंत्री मिथिलेश ठाकुर और आलमगीर आलम सहित सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के नेता मंत्री के अंतिम दर्शन के लिए मौजूद थे. ठाकुर ने हवाई अड्डे पर कहा, ‘‘वह ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा झारखंड और यहां के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी. यह राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है.'' महतो को पिछले महीने स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण विमान से चेन्नई ले जाया गया था. कोविड-19 से उबरने के बाद नवंबर 2020 में उनके फेफड़े का सफल प्रतिरोपण हुआ था.
झारखंड सरकार ने महतो के सम्मान में छह अप्रैल से दो दिन के शोक की घोषणा की है. इस दौरान आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होंगे. झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक भी महतो के असामयिक निधन से स्थगित कर दी गयी. साथ ही राज्य में बृहस्पतिवार से दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गयी. इस दौरान राज्य में को सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने जगरनाथ महतो के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, ''विनम्र और मृदुभाषी जगरनाथ महतो जी के आकस्मिक निधन की स्तब्ध करने वाली सूचना मिली. इस खबर पर विश्वास करना मुश्किल है. टाइगर के नाम से विख्यात जगरनाथ दा के जाने से झारखंड के राजनीतिक क्षेत्र में जो स्थान रिक्त हुआ है, उसे भरना संभव नहीं होगा.''
दास ने कहा, ''अपने व्यवहार से वह पक्ष- विपक्ष के नेताओं के बीच काफी लोकप्रिय थे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनके शोकाकुल परिजन के प्रति मैं संवेदना प्रकट करता हूं.'' भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘झारखंड सरकार के मंत्री जगरनाथ महतो जी के चेन्नई के अस्पताल में निधन की बेहद दुःखद सूचना मिली है. लंबे समय से बीमारी को हराते हुए योद्धा की भांति डटे रहने वाले जगरनाथ जी का चले जाना पूरे झारखंड के लिए अत्यंत दुखदायी है. राजनैतिक भिन्नताओं के बावजूद उनकी जीवटता का मैं व्यक्तिगत रूप से सदैव प्रशंसक रहा हूं.''
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