विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Apr 08, 2023

कर्नाटक विधानसभा चुनाव : कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को कोलार क्यों चाहिए?

बेंगलुरु से करीब 60 किलोमीटर दूर कोलार के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ हो जाता है कि यह अनुसूचित जाति और मुस्लिम बाहुल्य सीट है. सिद्धारमैया अनुसूचित जाति से आते हैं और यहां से सिद्धारमैया को चुनाव जीतने में कहीं से भी मुश्किल नजर नहीं आती है. 

Read Time: 4 mins
कर्नाटक विधानसभा चुनाव : कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को कोलार क्यों चाहिए?
सिद्धारमैया कोलार से चुनाव लड़ना चाहते हैं. (फाइल)
बेंगलुरु :

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार सिद्धारमैया कोलार सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि मैसूर के पास वरुणा को उनकी सुरक्षित सीट माना जाता है और वहां से उनके बेटे डॉ. यतीन्द्रा सिद्धारमैया विधायक हैं. कांग्रेस ने सिद्धारमैया को फिलहाल वरुणा सीट दी है. हालांकि कोलार से चुनाव लड़ने की उनकी मांग अब भी बनी हुई है और इस सीट पर चुनाव कौन लड़ेगा, इसका फैसला नहीं हुआ है. कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. 

इस बार सिद्धारमैया कोलार से लड़ना चाहते हैं. 2018 में भी उन्होंने दो सीटों से चुनाव लड़े थे. ये दो सीटें थीं - बादामी और चामुंडेश्वरी. बागलकोट की बादामी सीट से सिद्धारमैया जीते लेकिन सिर्फ 1,696 वोट से और उनका सामना था बीजेपी के श्रीरामलु से. वहीं जेडीएस के नेता जीटी देवेगौड़ा ने चामुंडेश्वरी सीट पर सिद्धारमैया को 30,000 वोटो से हराया था. 

ऐसे में बीजेपी के सांसद लहर सिंह ने ट्वीट कर चुटकी ली कि ‘कांग्रेस क्या बताएगी कि आपका मॉस लीडर सिद्धारमैया बादामी, चामुंडेश्वरी और कोलार में क्यों भागते फिर रहे है, आपका मॉस लीडर तो बगैर कांस्टीट्यूएंसी के है.‘

दरअसल, बेंगलुरु से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर कोलार विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ हो जाता है कि यह अनुसूचित जाति और मुस्लिम बाहुल्य सीट है. सिद्धारमैया अनुसूचित जाति के कुरबा समुदाय से आते हैं और यहां से सिद्धारमैया को चुनाव जीतने में कहीं से भी मुश्किल नजर नहीं आती है. 

कोलार विधानसभा सीट पर ओबीसी वोटर्स कुछ इस तरह हैं. यहां 38 हजार कुरबा, बेल्लीजे और ऐसी दूसरी जातियां 15 हजार, तिगरा 12 हजार, और अन्य करीब 20 हजार हैं. जबकि मुस्लिम वोटर्स 53 हजार, अनुसूचित जाति के वोटर्स 32 हजार, वोक्कालीग्गा 45 हजार और करीब 3 हजार ब्राह्मण हैं. 

यानी ओबीसी वोटर्स 85 हजार, मुस्लिम 53 हजार और साथ में अनुसूचित जाति के 32 हजार मतों में से बड़ा हिस्सा कांग्रेस को मिलता रहा है. ऐसे में सिद्धारमैया को अपनी जीत की राह पक्की दिखती है. 

सिद्धारमैया की ये सोच हो सकती है कि वो कोलार और वरुणा दोनो सीटों पर अगर जीत हासिल करते हैं, तो अपने बेटे के लिए वरुणा सीट छोड़ देंगे और कोलार पर बने रहेंगे.

कोलार से कांग्रेस के टिकट पर श्रीनिवास गौड़ा की दावेदारी थी, लेकिन वो सिद्धारमैय्या को समर्थन देने को तैयार हैं. हालांकि श्रीनिवास गौड़ा का दलबदल कर चुनाव जीतने का लंबा इतिहास है. 

1994 में श्रीनिवास गौड़ा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते तो वहीं 1999 में जनता दल यूनाइटेड की टिकट पर उन्होंने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2004 में कांग्रेस की टिकट पर जीते और 2018 में जेडीएस की टिकट पर विधायक बने. इस बार उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस का दामन थामा है. 

ये भी पढ़ें :

* "कांग्रेस हाईकमान वफ़ादारी का इनाम..." : कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर NDTV से बोले प्रदेशाध्यक्ष डी.के. शिवकुमार
* "लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होगा चयन": कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सिद्धारमैया
* सिद्धारमैया बोले- "यह मेरा आखिरी चुनाव, कर्नाटक में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी"

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का यह वीडियो वायरल...ऐसा रुद्राभिषेक देखा नहीं होगा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव : कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को कोलार क्यों चाहिए?
पंत पर PM मोदी ने लुटाया ढेर सारा प्यार, दी 'जादू की झप्पी', क्या कहेंगे आप?
Next Article
पंत पर PM मोदी ने लुटाया ढेर सारा प्यार, दी 'जादू की झप्पी', क्या कहेंगे आप?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;