समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की आशंका वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि फिलहाल जौहर यूनिवर्सिटी में कोई सरकारी कार्यवाही नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत के तौर पर 13.8 हेक्टेयर जमीन को DM के हवाले करने की शर्त के फैसले पर भी रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने के लिए लगाई गई शर्त पहली नजर में अनुपातहीन है. आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए साधनों का इससे कोई उचित संबंध नहीं है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी भी किया है.
दरअसल जौहर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की आशंका को लेकर आजम खां सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सोमवार को आजम खां के वकील निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शत्रु संपत्ति मामले में पांच महीने तक फैसला सुरक्षित रखते हुए दस मई को आजम खां को जमानत दी थी. इसमें जमानत की शर्त के तौर पर विवादित 13.8 हेक्टेयर जमीन खाली करने को कहा गया अब यूपी सरकार ने कहा है कि ये जमीन जहां हैं वहां जौहर यूनिवर्सिटी की जो बिल्डिंग बनी हैं जिसे खाली किया जाए. इसके बाद दो इमारतों को गिराने की कार्रवाही होगी. इस तरह सरकार इसे ढहाने की तैयारी कर रही है. वहीं आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बड़ी राहत सपा के नेता को दी है.
इससे पहले सपा नेता आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमीन पर कब्जा और ठगी मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी. अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर दी जमानत दी गई थी.
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