अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (सोमवार 20 नवंबर) की पूर्व संध्या पर देश की कई ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण इमारतें रविवार की शाम को नीली रोशनी से नहा उठीं. यूनिसेफ के आग्रह पर बाल अधिकारों के समर्थन में ऐसा कदम उठाया गया. नीली रोशनी के ज़रिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि हर अधिकार, हर बच्चे के लिए होता है और जेंडर इक्वलिटी का पालन करने का समय आ चुका है.
अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस के उपलक्ष्य पर रविवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स और कुतुबमीनार को नीली रोशनी से रंग दिया गया. देश की राजधानी की ये महत्वपूर्ण इमारतें नीली रोशनी में नहाकर समान बाल अधिकारों का संदेश दे रही थीं.
यूनिसेफ के 'एवरी राइट फॉर एवरी चाइल्ड' मोटो के समर्थन में लखनऊ के हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर और छत्तर महल को भी नीली रोशनी में सराबोर किया गया. मध्य प्रदेश टूरिज्म ने भी यूनिसेफ के आग्रह को मानते हुए भोपाल के मिंटो हॉल में नीली रोशनी की.
मध्य प्रदेश के धार में यूथ फॉर चिल्ड्रन के वालंटियर्स ने अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस के उपलक्ष्य पर रविवार को रंगोली बनाई. उन्होंने रंगोली के ज़रिए जेंडर इक्वलिटी का संदेश दिया.
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