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इंडिगो संकट समझिए: कैसे पायलट ड्यूटी नियम, प्लानिंग की गलतियों ने भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन को जमीन पर ला दिया

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पायलट प्लानिंग में कमी खुलकर सामने आई. बीते चार दिनों में उसकी 1300 से अधिक उड़ाने रद्द हुईं जिससे एयर ट्रैवल पर एक बड़ा संकट पैदा हो गया. आखिर इंडिगो से गलती कहां हुई? समझें इंडिगो में पैदा हुए इस संकट को...

इंडिगो संकट समझिए: कैसे पायलट ड्यूटी नियम, प्लानिंग की गलतियों ने भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन को जमीन पर ला दिया
  • नए FDTL नियमों, इंडिगो की प्लानिंग चूक से 1300 उड़ानें रद्द हुईं, जिससे देशभर में यात्री संकट गहराया.
  • DGCA और सरकार ने फटकार लगाकर अस्थायी छूट दी और इंडिगो ने 10 फरवरी तक ऑपरेशन सामान्य करने का वादा किया.
  • इंडिगो ने अपनी गलती स्वीकार की, जबकि पायलट यूनियन ने सुरक्षा जोखिम और स्टाफ की कमी को संकट की मुख्य जड़ बताया.
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नई दिल्ली:

भारत की घरेलू उड़ानों में करीब 60 फीसद मार्केट शेयर रखने वाली इंडिगो अचानक एक बड़े ऑपरेशनल संकट में फंस गई है. बीते  चार दिनों में 1300 से ज्यादा इंडिगो विमान रद्द हुए हैं या उनमें देरी हुई है. इससे हजारों की संख्या में यात्री ट्रैवल नहीं कर सके और DGCA (नियामक) को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. इसके पीछे वजह नए पायलट ड्यूटी नियम, इंडिगो की प्लानिंग की गलतियां और एयरलाइन और DGCA के बीच चल रही बातचीत को बताया जा रहा है. इंडिगो से कहां गलती हुई और अब वो क्या कर रहा है? इंडिगो के यात्रियों को इस संकट से कब तक राहत मिल सकती है? चलिए इंडिगो के इस पूरे संकट को समझते हैं.

इंडिगो से गलती कहां हुई?

1 नवंबर से FDTL (Flight Duty Time Limitations) का दूसरा चरण लागू हुआ. इसके तहत पायलटों की अनिवार्य साप्ताहिक आराम की अवधि 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दी गई. रात में होने वाली लैंडिंग की सीमा 6 से घटाकर 2 कर दी गई. इन बदलावों का उद्देश्य था पायलटों की थकान कम करना और विमान परिचालन की सुरक्षा बढ़ाना है. इस नई व्यवस्था के लिए इंडिगो तैयार नहीं थी, जबकि अन्य भारतीय एयरलाइंस बगैर किसी ऐसे संकट के अपना काम सुचारू रूप से कर रही हैं. DGCA को इंडिगो ने बताया कि वो 1 नवंबर से लागू हुए इन नियमों के बाद से केबिन क्रू की कमी से जूझ रहा है. 

बता दें कि इंडिगो की 2200 से अधिक उड़ानों में से बड़ी संख्या में रात में परिचालन करती हैं. उसने मौजूदा संकट का एक बड़ा कारण ड्यूटी की तय नई समय सीमाओं के लागू होने से पहले अपने पायलटों के ड्यूटी शेड्यूल को नहीं बना पाना भी बताया.

इंडिगो की चूक का नतीजा क्या हुआ?

इंडिगो ने चूक की उसका नतीजा यह हुआ कि नवंबर के आखिरी सप्ताह और दिसंबर की शुरुआत में उसकी कई सौ उड़ानें रद्द हुईं. दिल्ली जैसे बड़े एयरपोर्ट पर कई दिनों तक पूरे फ्लाइट बैच रद्द रहे. हजारों की संख्या में एयरपोर्ट पर इंडिगो के यात्री फंसे रहे. यात्रियों को तो इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ा. खुद इंडिगो के रेवेन्यू को भी जोरदार झटका लगा और इससे शेयर बाजार पर भी असर पड़ा.

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Photo Credit: PTI

संसद में गूंजा इंडिगो का मसला

शुक्रवार को संसद की शीतकालीन सत्र में भी इंडिगो के संकट का मसला उठा. विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर इसका आरोप मढ़ा और कहा कि इंडिगो संकट वर्तमान सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल' का नतीजा है. राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने कहा कि इसका कारण नए नियमों के तहत अधिक पायलटों की भर्ती की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि एयरलाइन के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है, जबकि पायलटों को दो दिन का अनिवार्य आराम चाहिए और अटेंडेंट्स को कई उड़ानों में लगातार नहीं लगाया जा सकता. रेखा शर्मा ने कहा कि ये नए नियम जनता के हित और सुरक्षा के लिए हैं.

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DGCA, केंद्र सरकार की फटकार और किराया नहीं बढ़ाने का निर्देश

बड़े स्तर की अव्यवस्था देखते हुए DGCA ने रात की उड़ानों पर लगी सीमा में एक बार की अस्थायी छूट दी. साथ ही उसने सख्त रुख भी अपनाया. उसने इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.  DGCA ने इंडिगो से विस्तृत सुधार योजना मांगी है. इस बीच सिविल एविएशन मिनिस्ट्री का बयान आया है, जिसमें लोगों की परेशानी दूर करने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने का भरोसा दिलाया गया है. नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि इंडिगो को पहले से काफी समय मिला था, फिर भी तैयारी कमजोर रही. मंत्रालय ने एयरलाइन को आदेश दिया कि ऑपरेशन जल्द से जल्द सामान्य किए जाएं, साथ ही इंडिगो को किराया नहीं बढ़ाने को लेकर भी सख्त हिदायत दी गई है.

DGCA ने क्या राहत दी?

DGCA ने हवाई कर्मचारियों के लिए वीकली रेस्ट वाला अपना आदेश वापस लेने का फैसला किया जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं. DGCA ने अपने आदेश में कहा कि विभिन्न एयरलाइन की तरफ से इस बार में लगातार शिकायतें मिल रही थीं. ऐसे में विमानों की आवाजाही को ठीक करने के लिए वीकली रेस्ट वाला आदेश वापस लेने का फैसला किया गया है.

इंडिगो ने 10 फरवरी तक छूट मांगी

अपने बयान में DGCA ने बताया कि इंडिगो ने 10 फरवरी 2026 तक अपने बेड़े के लिए कुछ फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FTDL) के नए नियमों में अस्थायी परिचालन छूट मांगी है. DGCA ने बताया कि इंडिगो ने यह आश्वासन दिया है कि 10 फरवरी तक उड़ानों के परिचालन में स्थिरता आ जाएगी. फिलहाल इंडिगो करीब 200 उड़ाने रोज रद्द कर रहा है.

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पायलट यूनियन क्या कह रहा है?

उधर पायलय एसोसिएशन ने भी DGCA से अपील की कि उड़ान शेड्यूल मंजूर करते समय एयरलाइन के पास उपलब्ध पायलटों की संख्या को भी गंभीरता से देखा जाए. कई पायलटों और यूनियनों ने कहा कि आराम के नियमों में ढील सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है. पायलटों ने इंडिगो की शेड्यूलिंग और ट्रेनिंग में कमियों की भी आलोचना की है. वहीं जानकारों का कहना है कि इंडिगो में आए इस संकट के कई वजह हैं. इनमें ज्यादा उड़ानें, कम स्टाफ, कड़े नए नियम और प्लानिंग में चूक शामिल हैं.

इंडिगो ने गलती मानी, CEO का संदेश आया

आखिर इंडिगो ने अपने प्लानिंग की गलती स्वीकार कर ली. उसने स्वीकार किया कि मौजूदा संकट 'गलत आकलन और प्लानिंग की कमियों' के कारण आया. एयरलाइन ने ग्राहकों से माफी मांगी और उनके CEO ने अपने एक संदेश में कहा, "हमारी प्राथमिकता उड़ानों को सामान्य करना है. जो उड़ाने रद्द हुई हैं उनका रिफंड दिया जाएगा और कुछ उड़ाने अस्थायी रूप से कम की जाएंगी."

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दुनिया में पहले भी ऐसे संकट हुए हैं...

साउथवेस्ट एयरलाइन्स (अमेरिका, 2022): शेड्यूलिंग सिस्टम फेल होने से हजारों उड़ानें रुक गई थीं.

रायनएयर (यूरोप): हड़ताल और रोस्टर विवादों के कारण कई बार उड़ानें रद्द हुईं. इसी साल जुलाई में हड़ताल की वजह से करीब 30 हजार यात्रियों की उड़ाने रद्द हुई थीं.

क्वांटासः ऑस्ट्रेलियाई एयरलाइन क्वांटास एयरवेज में पायलट और स्टाफ विवाद की वजह से बार-बार ऑपरेशन प्रभावित हुए हैं.

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