भारत से अजरबैजान घूमने गया 28 साल का मणिकांत कोंडावीती पिछले दो सप्ताह से लापता (Missing) है. उससे कोई भी संपर्क नहीं हो पाने के कारण भारत में उसका परिवार बेहद चिंतित है. मणिकांत 26 अप्रैल को भारत छोड़कर गया था. 12 मई तक उसकी सभी से बात हो रही थी, लेकिन अचानक उसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है.
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के इंस्टाग्राम पेज पर अपनी परेशानी शेयर करते हुए उसके भाई धरन कोंडावीती ने कहा कि पिछले 15 दिनों से उसका पूरा परिवार अनजाने डर से गुजर रहा है. मणिकांत की तस्वीर शेयर करते हुए धरन ने लिखा, "आप जिस लड़के को फोटो में देख रहे हैं, वह मेरा भाई, मणिकांत है और वह पिछले दो हफ्तों से लापता है. मैं न तो खा पा रहा हूं और न ही सो रहा हूं, इस चिंता से कि, 'वह कहां है?'
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अपने रिश्ते के बारे में धरन कहते हैं, "मणिकांत न केवल मेरा भाई है, बल्कि उसका सबसे अच्छा दोस्त भी है. उसने मुझे क्रिकेट और फुटबॉल खेलना सिखाया, और मुझे कंप्यूटर गेम की लत लग गई. मां और पिताजी हमें घंटों कंप्यूटर पर देखकर नाराद भी हो जाते थे,"
घरन ने कहा, "हम दोनों एक-दूसरे को सपोर्ट करते थे, एक बार, जब भाई अपने एक विषय में फेल हो गया, तो वो तनाव में घर वापस आया और कहा, 'मां मुझे मार डालेगी!' तब मैंने उसका रिपोर्ट कार्ड छिपा दिया और मां से कहा, 'रिपोर्ट कार्ड नहीं मिला!' हम कॉलेज के लिए अलग-अलग शहरों में जाने के बावजूद काफी करीब रहे.
मणिकांत की अजरबैजान यात्रा के बारे में बोलते हुए धरन कहते हैं, "भाई एक यात्री हैं, मुझे उसके एडवेंचर के बारे में सुनकर अच्छा लगता है! इसलिए, जब भाई ने मुझसे कहा कि वह अकेले अजरबैजान की यात्रा पर जा रहा हैं, तो मैं उत्साहित था. जाने से एक दिन पहले, वह मेरे साथ रहने के लिए दिल्ली आया. हम रात के खाने के लिए गए. अगली सुबह, मैंने उसे एयरपोर्ट पर छोड़ा और कहा, 'अगली बार, मैं भी आऊंगा.'
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"26 अप्रैल को भारत छोड़ने वाले मणिकांत परिवार को तस्वीरों के साथ "स्पैम" करेंगे और उन्हें वर्चुअल टूर पर ले जाएंगे. वे 12 मई तक रोज बोलते थे, लेकिन फिर चीजें बदल गईं. 12 मई, शाम 7 बजे हमने आखिरी बार बात की थी. मैंने उसे बाद में मैसेज किया, लेकिन वह डिलीवर नहीं हुआ. मुझे लगा कि शायद उसके पास कोई नेटवर्क नहीं है. लेकिन उससे संपर्क करने की कोशिशें दिन-ब-दिन नाकाम होती गईं. मुझे पता था कि कुछ तो गलत है, क्योंकि भाई हमेशा संपर्क में रहते थे,"
इसके बाद परिवार ने अजरबैजान में भारतीय दूतावास से संपर्क किया. उन्होंने (दूतावास) कहा, 'वह पहाड़ियों में हो सकता है. उन्होंने हमें चिंता नहीं करने के लिए कहा. फिर हमने दूतावास में लगभग सभी अधिकारियों से बात की तो एक ने कहा कि मणिकांत की तलाश के लिए वो एक सर्च टीम भेजेंगे.' घरन ने कहा कि, "अगले दिन होटल में मणिकांत का सामान मिला. हमने उसके Google खाते को एक्सेस किया और 13 मई की सुबह उसका लोकेशन मिला. वह शहर के बाहरी इलाके में एक झोपड़ी में था. जिसने मुझे डरा दिया."
अपने भाई को खोजने के अपने लगातार प्रयासों के बारे में धरन कहते हैं, “हमने सभी से संपर्क किया है, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री. हमने उसकी तस्वीरें भी सर्कुलेट की है. हम उसे खोजने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. जब भी मां का फोन बजता है, वह सोचती है कि यह वही है. मैं प्रार्थना करता रहता हूं कि भाई फोन करे और कहे कि 'मैं यहीं हूं.' मुझे पता है भाई वापस आएगा, उसे आना पड़ेगा,"
धरन ने जनता से एक याचिका पर हस्ताक्षर करके मणिकांत को खोजने में परिवार की मदद करने का भी अनुरोध किया है. उन्होंने उन लोगों से भी अनुरोध किया है जो अज़रबैजान में लोगों को जानते हैं कि वे अपने भाई की तलाश में मदद करें. अंत में उन्होंने लिखा कि हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे.
बता दें कि अज़रबैजान अंतरमहाद्वीपीय देश पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया की सीमा पर स्थित है. इसकी राजधानी बाकू, मध्यकालीन दीवारों वाले इनर सिटी के लिए दुनिया भर में जानी जाती है.
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