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This Article is From Jul 17, 2022

35 सालों तक देश की सेवा करने के बाद 'रिटायर' हुई भारतीय नौसेना पनडुब्बी INS सिंधुध्वज

आईएनएस सिंधुध्वज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवाचार के लिए सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित होने वाली एकमात्र पनडुब्बी है.

35 सालों तक देश की सेवा करने के बाद 'रिटायर' हुई भारतीय नौसेना पनडुब्बी INS सिंधुध्वज
पनडुब्बी शिखा में एक ग्रे रंग की नर्स शार्क को दर्शाया गया है.
नई दिल्ली:

आईएनएस सिंधुध्वज ने शनिवार, 16 जुलाई को 35 साल की शानदार अवधि के लिए सेवा करते हुए भारतीय नौसेना को अलविदा कह दिया. वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान समारोह के मुख्य अतिथि थे. आईएनएस सिंधुध्वज को सेवा मुक्त करने संबंधी समारोह में विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में 15 पूर्व कमान अधिकारी, कमिशनिंग सीओ और 26 कमीशनिंग सैन्यकर्मियों ने भाग लिया.

पनडुब्बी शिखा में एक ग्रे रंग की नर्स शार्क को दर्शाया गया है और इस नाम का अर्थ समुद्र में ध्वजवाहक है.  सिंधुध्वज, जैसा कि नाम से जगजाहिर है, स्वदेशीकरण की ध्वजवाहक थी और नौसेना में अपनी पूरी यात्रा के दौरान रूसी निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों में आत्मनिर्भर प्राप्त करने की दिशा में भारतीय नौसेना का यह सफल प्रयास था.  

स्वदेशी सोनार यूएसएचयूएस, स्वदेशी उपग्रह संचार प्रणाली रुक्मणी और एमएसएस, इनर्सिअल नेविगेशन प्रणाली और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम के संचालन सहित कई पहली बार थे. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवाचार के लिए सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित होने वाली एकमात्र पनडुब्बी है. पारंपरिक समारोह सूर्यास्त के समय आयोजित किया गया था, जिसमें एक बादलों वाले आसमान के साथ यह समारोह भव्य लग रहा था.

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