विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने एक इंटरव्यू में भारतीय लोकतंत्र (India's Democracy)पर सवाल उठाने वाले देशों को करारा जवाब दिया है. एस जयशंकर ने कहा, "देश में लोकतंत्र की स्थिति पर हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. दुनिया में लोग कुछ ना कुछ तो कहेंगे. हमें हर समय सुनने की जरूरत नहीं है. कभी-कभी जवाब देने का समय भी होता है. सवाल होंगे, तो भारत जवाब देगा."
बता दें कि कनाडा, मालदीव और पाकिस्तान ने अलग-अलग मामलों में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. भारत ने हर मौके पर इसका जवाब दिया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को NDTV के साथ खास बातचीत में भारत की विदेश नीति पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, "इंटरनेशनल रिलेशन एक तरह की राजनीति ही है. देशों के बीच पॉलिटिक्स है. आज ग्लोबलाइज दुनिया (वैश्विक दुनिया) में हमारी पॉलिटिक्स देश के बाहर भी जाती है. कई बार हमारे खुद के लोग भी इसे बाहर ले जाते हैं. हमारे बारे में ऐसी चीजें कही गई हैं, जो तथ्यों के तौर पर पूरी तरह गलत हैं. लेकिन ये भी झेलना पड़ता है."
भारत के लोकतंत्र की आलोचना करने वाले देशों को लेकर एस जयशंकर ने कहा, "जब उनको लगता है कि भारत में चुनाव के नतीजे वैसे नहीं आए, जैसा वो चाहते हैं तो वो चुनाव प्रक्रिया की आलोचना करते हैं. चुनाव आयोग और कोर्ट को गलत ठहराते हैं. वोटिंग रेट पर सवाल खड़े करते हैं. मतलब अगर आपने कमियां निकालने का मन बना लिया है, तो आप तर्क खोज ही लेंगे."
विदेश मंत्री ने कहा, "आप नागरिकता की बात कीजिए. क्राइटेरिया ऑफ सिटिजनशिप की बात कीजिए. पश्चिमी देश कहते हैं कि धर्म और स्टेट अलग अलग होने चाहिए. उनके यहां बाइबल पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं. हम संविधान की शपथ लेते हैं... ऐसे देश चाहे जो कहे... अगर सवाल होंगे तो भारत उसका जवाब भी देगा."
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