"मोदी युग में पूरी तरह बदल गई विदेश नीति..." : NDTV से बोले विदेशमंत्री एस. जयशंकर

एस जयशंकर ने मालदीव के राष्ट्रपति पर दो टूक कहा कि, "सियासत और जिम्मेदारी के पद पर अलग तरह से बर्ताव जरूरी है. मालदीव के साथ हल निकालने के लिए हम बात करने को तैयार हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "विश्व मित्र भारत की चाह - सबका साथ, सबका विकास है."

नई दिल्ली :

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की विदेश नीति पर विस्तार से बात की है. उन्होंने कहा, "मोदी युग में भारत की विदेश नीति पूरी तरह बदल गई है. श्रीलंका पर हमारी नीति से दुनिया को एक मजबूत संदेश गया. खाड़ी देशों के साथ हमने रिश्ते मजबूत किए. अमेरिका के साथ रिश्ते बहुत मजबूत हुए हैं. विदेशी निवेश के कुछ बड़े प्रस्ताव आए हैं." 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ खास इंटरव्यू में ये बातें कही. उन्होंने इंटरव्यू में कनाडा, मालदीव के साथ मौजूदा विवाद, पाकिस्तान के साथ खराब रिश्ते, ग्लोबल साउथ समेत तमाम विषयों पर अपनी राय रखी. जयशंकर ने इस दौरान पीएम मोदी के साथ काम करने के अनुभव भी शेयर किए और अपनी फिटनेस का राज़ भी बताया.

विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की लिखी किताब 'Why Bharat Matters'हाल ही में रिलीज हुई है. तीन साल पहले उन्होंने एक किताब लिखी थी, जिसका टाइटल था 'The India Way'. पिछली किताब में 'इंडिया' और हालिया किताब के 'भारत' लिखे जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा, ''इस दशक में और पिछले खास कर तीन-चार साल में देश में ऐसे परिवर्तन हमने देखे हैं.. जिसका जवाब भारत है. मुझे लगा कि 'भारत' का इस्तेमाल करने से मेरा मैसेज सही तरीके से पहुंचेगा. 'भारत' को मैं एक माइंडसेट और एक अप्रोच मानता हूं.''

भारत को देखने का बदला नजरिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "अब भारत को देखना का दुनिया का नजरिया बदल गया है. अब दूसरे देश भारत में पिछले कुछ साल हुए सकारात्मक बदलाव को लेकर उत्सुक हैं और हमारे बारे में बातें कर रहे हैं. यूक्रेन से लेकर गाजा जंग तक हमने दुनिया को दम दिखाया है. 2014 में ये नीति आई थी कि नेबरहुड फर्स्ट... इसका मतलब था कि हम हमारे पड़ोसी देशों को प्राथमिकता दें. उनके साथ हमारी जो डीलिंग हो.. एक खुले दिल के साथ हो... उनकी कई बार जरूरतें होती हैं.. उनके साथ डील में कोई सौदा ना हो.. एक तरह से देखा जाय तो ये रियल फ्रेंडशिप है."

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आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा कनाडा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तानी आतंकवाद को लेकर कनाडा को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कनाडा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. विदेश मंत्री ने कहा, "आतंकवाद को बढ़ावा देना कनाडा की सियासी कमजोरी है." उन्होंने कहा, "जब कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो भारत में PM नरेंद्र मोदी से मिले, तो उन्होंने खालिस्तानी समर्थकों और अलगाववादियों को लेकर विस्तार से बात नहीं बताई. कनाडा ने भारत पर संगीन आरोप तो लगाए, लेकिन उसके एक भी सबूत नहीं दिए."

कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार बताया था. इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है. आतंकी निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को कनाडा में हुई थी. इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच विवाद बढ़ता चला गया. हालांकि, बाद में ट्रूडो ने खुद कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी.

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हमारे लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाले अपने गिरेबां में झांकें
विदेश मंत्री ने कहा, "भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाले सच से दूर हैं. हमारे लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाले देश पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखें. भारत पर सवाल उठाएंगे, तो भारत भी आपको जवाब देगा."

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को दी नसीहत
विदेश मंत्री ने कनाडा के साथ ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी करार जवाब दिया. उन्होंने भारत विरोधी नीति के लिए मुइज्जू को नसीहत देते हुए कहा कि सियासत और जिम्मेदारी के पद पर अलग तरह से बर्ताव जरूरी होता है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, मालदीव के साथ विवाद का हल निकालने के लिए बात करने को तैयार है.

पाकिस्तान से राजनयिक संबंध होंगे बहाल?
जयशंकर ने NDTV के साथ खास बातचीत में पाकिस्तान के साथ भारत के खराब रिश्तों पर विस्तार से बात की. जयशंकर ने कहा, "पड़ोसी पड़ोसी होते हैं... न वो हमें छोड़ सकते और न हम उन्हें छोड़ सकते हैं...पाकिस्तान के साथ खराब रिश्तों की वजह आतंकवाद है. पाकिस्तान जितना आतंकवाद को समर्थन देगा, उसका उतना नुकसान होगा. पाकिस्तान से हाई लेवल की बातचीत अभी दूर की कौड़ी है. बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता."

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मिडल-ईस्ट को लेकर क्या है मोदी सरकार की तैयारी?
विदेश मंत्री ने कहा, "अगर आप मुझसे अगले 10 साल में एक गेम चेंजिंग आइडिया के बारे में पूछेंगे, तो मेरा जवाब होगा-इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकानॉमिक कॉरिडोर. हम एक अलग लीक पर जा रहे हैं... यूएई और मिडिल ईस्ट काफी अहम है. हमें अगले 25 साल तैयारी करनी होगी."

बिना मैन्युफैक्चरिंग के टेक्नालॉजी नहीं बढ़ेगी
विदेश मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं कि अमृतकाल की सोचो... यह युवा पीढ़ी के लिए एक किस्म से अवसर है. लेकिन अगर हम ये 25 साल की तैयारी करें तो इसे हम छोटे-छोटे कदम से नहीं कर सकते... कुछ बड़े आइडिया चाहिए. इनमें ग्लोबल वर्क प्लेस एक बड़ा आइडिया है. कनेक्टिविटी एक बड़ा आइडिया है. टेक्नालॉजी के बहुत क्षेत्र में हम पीछे रह गए.. क्योंकि पहले मैन्युफेक्चिरिंग पर ज्यादा फोकस नहीं हुआ. बिना मैन्युफैक्चरिंग के टेक्नालॉजी नहीं बढ़ेगी. इस इस ओर काम करना होगा."

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हनुमान को बताया 'बड़ा डिप्लोमेट'
विदेश मंत्री ने रामायण के प्रमुख पात्र हनुमान (Lord Hanuman) को सबसे बड़ा राजनियक भी बताया. जयशंकर ने बताया, "हनुमान बड़े राजनयिक थे. वो एक वास्तविक राजनयिक थे, क्योंकि उन्हें दूत के रूप में लंका भेजा गया था. हनुमान के पास एक खुफिया मिशन भी था. उन्हें सीता के बारे में जानकारी हासिल करनी थी." विदेश मंत्री ने रावण की सोने की लंका जलाने का जिक्र करते हुए कहा, "हनुमान एक सक्रिय राजनयिक थे. लंका से बाहर निकलते समय उन्होंने वहां बहुत नुकसान पहुंचाया.'' 

अपनी संस्कृति और विरासत को अपनाना चाहिए
विदेश मंत्री ने कहा कि, "अपनी संस्कृति और विरासत को अपनाना चाहिए. हमारे संवाद में अपने संदर्भों का इस्तेमाल ज़रूरी है. अपनी विरासत के संदर्भ जल्द समझ आते हैं."

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डिप्लोमेसी एक किस्म का माइंडगेम
विदेश मंत्री ने कहा, "डिप्लोमेसी एक किस्म का माइंडगेम होता है. रामायण में ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं. इंटरनेशनल रिलेशन में डिप्लोमेसी में आज के जो कॉन्सेप्ट की बात करते हैं, उसमें भी आपको रामायण के उदाहरण मिल जाएंगे. 

मोदी सरकार में 4-5 दिन की छुट्टी मुमकिन नहीं
पीएम मोदी के साथ बिजी शेड्यूल में काम करने वाले विदेश मंत्री छुट्टियां कैसे मैनेज करते हैं? इस सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने मुस्कुराते हुए कहा, "एक हफ्ते या दो हफ्ते के लिए छुट्टियों पर जाना... ये बात मोदी सरकार में मुमकिन नहीं है." उन्होंने कहा, "हम ये बात शुरू से जानते थे. ये स्थिति सिर्फ मंत्रियों की नहीं है. जब मैं सेक्रेटरी था, तब भी कई दिनों की छुट्टी लेना संभव नहीं था. इसलिए आपको चीजों को संभालने के अलग-अलग तरीके खोजने होंगे."

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विदेश मंत्री ने बताया खुद को कैसे रखते हैं फिट? 
इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "मैं रोजाना सुबह कम से कम एक घंटा स्क्वैश या बैडमिंटन खेलता हूं. अगर मैं स्ट्रेचिंग नहीं कर पाता, तो कम से कम कुछ ऐसा करता हूं, जो मुझे फिट रखता है. मैं म्यूजिक सुनता हूं. किताबें पढ़ता हूं. मुझे हमेशा दुनिया में दिलचस्पी रही है. इसीलिए मैं विदेश सेवा में शामिल हो गया. यात्रा भी एक तरह से हमें शांति देती है. साथ ही आप अलग-अलग देशों की अलग-अलग चीजों से वाकिफ होते हैं. कुल मिलाकर नॉलेज बढ़ती है."

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