राम मंदिर आंदोलन की प्रमुख नेताओं में से एक मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बाबरी विध्वंस पर एक विवादित बयान देते हुए कहा है कि अगर वो ढांचा नहीं ढहा होता तो सच्चाई लोगों के सामने नहीं आई होती. पत्रकारों से बातचीत में उमा ने कहा "अगर संरचना नहीं हटाई गई होती, तो पुरातत्वविदों की टीम महत्वपूर्ण सबूतों का पता नहीं लगा पाती." पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 6 दिसंबर, 1992 को भीड़ द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में ये बात कही.
जब सवाल किया गया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाले निर्णय का श्रेय किसे दिया जाना चाहिए, तो उमा भारती ने कहा कि ''9 नवंबर 2019 के फैसले का श्रेय माननीय सर्वोच्च न्यायालय को जाता है. लेकिन जिन साक्ष्यों ने वास्तव में निर्णय का आधार बनाया, वे अयोध्या में (6 दिसंबर, 1992 को) अपनी जान गंवाने वालों के परिणाम थे. ”
भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) ने लगभग 15 साल पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में विवादित भूमि की खुदाई की थी. सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 को अपने फैसले में कहा कि "अयोध्या में विवादित स्थल के नीचे की अंतर्निहित संरचना इस्लामिक संरचना नहीं थी, लेकिन एएसआई ने यह स्थापित नहीं किया है कि क्या मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया गया था."
उमा भारती ने ये भी कहा कि “मैं बहुत लंबे समय से अपने जीवन में इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा थी.'' पीएम मोदी के राम मंदिर ट्रस्ट बनाने के ऐलान की टाइमिंग और ट्रस्ट को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के सवाल उठाने पर उमा भारती ने कहा कि अब औवेसी को मंदिर निर्माण के लिए जाना चाहिए. इसके साथ ही उमा भारती ने कहा कि ''मैं ओवैसी को न्योता देती हूं कि मेरे साथ राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या चलें.''
@umasribharti ने कहा भगवान राम पर किसी का कॉपीराइट नहीं कारसेवा के लिये @OfficeOfKNath @asadowaisi @RahulGandhi चलें, @INCIndia राजीव गांधीजी के वक्त हुआ था शिलान्यास #RamCharan #RamMandirTrust #रामजन्मभूमितीर्थक्षेत्र #BJP @ndtvindia pic.twitter.com/TtajdsW4cL
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) February 5, 2020
उमा भारती ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए यूपी सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने का सुझाव देने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सद्भावना के एक नए युग की शुरुआत होगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उमा भारती ने बताया दिव्य फैसला, अशोक सिंघल और लालकृष्ण आडवाणी के लिए कही यह बात...
इस मौके पर मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने सक्रिय राजनीति में दुबारा लौटने के संकेत देते हुए कहा ''मैंने 2019 का चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया था. ये नहीं कहा था कि अब चुनाव नहीं लड़ूंगी. मैंने इस बीच गंगा की सफाई और राम मंदिर के लिए काम करने का फैसला लिया है और मैंने मन बना लिया है कि मैं अगला चुनाव लड़ूंगी."
VIDEO : अयोध्या पर कोर्ट का जो भी फैसला होता, स्वीकार करते
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं