कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद पिछले 3 सालों में हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौतों के मामले तेजी से बढ़े हैं. पहले हमें 50 से 55 साल के लोगों में अटैक की संभावना देखने को मिलती थी. एक्सरसाइज न करना, हाई ब्लड प्रेशर होना, कोलेस्ट्रोल बढ़ना, डायबिटीज होना पहले यह कारण माने जाते थे. लेकिन आजकल हम यह देख रहे हैं कि 20 से 25 वर्ष के युवाओं में ना ब्लड प्रेशर है, ना डायबिटीज है उसके बावजूद हार्ट अटैक जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या भारत में तेजी से बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों का कोरोना से कोई कनेक्शन है? स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने इसका जवाब दिया है.
भावनगर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, "इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में एक स्टडी की है. इसमें पता चला है कि जिन लोगों को सीवियर कोविड हुआ था, उन लोगों को सख्त मेहनत से कुछ समय के लिए परहेज करना चाहिए." मांडविया ने कहा, "जो लोग पहवे गंभीर रूप से कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुए थे, उन्हें दिल के दौरे से बचने के लिए थोड़ा बचकर रहना चाहिए. ऐसे लोग एक या दो साल तक ज्यादा भाग-दौड़ करने से बचें."
कोविड-19 के बाद दिल के रोगियों में 14% तक बढ़ोतरी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के बाद दिल के रोगियों में 14% तक बढ़ोतरी हुई है. इनमें ज्यादातर 30 से 40 साल के युवा ही हैं. सोशल मीडिया पर पिछले काफी वक्त से अचानक हार्ट अटैक से मौत के वीडियो सामने आ रहे हैं. कोई शख्स डांस करते करते हुए गिरा या जिम करते हुए गिरा और मौत हो गई. मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई गई. नवरात्रि में गुजरात से भी हैरान करने वाली खबर आई थी. गुजरात में 24 घंटे में डांडिया खेलते वक्त 10 लोगों की मौत हो गई थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के बयान पर मेदांता के क्रिटिकल केयर के चेयरमैन डॉक्टर यतिन मेहता ने कहा, "मांडविया ने जो बयान दिया है, वो आईसीएमआर की चार स्टडी के आधार पर दिया है. ये स्टडी अभी पब्लिश नहीं हुई है. लेकिन ये फैक्ट है कि कोविड के दौरान गंभीर संक्रमित मरीजों में हार्ट अटैक से मौत होने का रिस्क बहुत ज्यादा था. दूसरी बात ये भी है कि हर वायरल फीवर के बाद प्लेटलेट्स का क्लॉटिंग ज्यादा हो सकता है, ये भी दिल के लिए अच्छा नहीं है. इसकी वजह से कोरोना के टाइम हार्ट अटैक या स्ट्रोक्स के रेट बढ़ गए थे. सीवियर कोविड में हार्ट के फंक्शन पर असर पड़ता है. इसलिए अगर आप सीवियर कोविड पेशेंट रह चुके हैं और जिम या एक्सरसाइज करते हैं, तो उसकी इंटेनसिटी को धीमे-धीमे बढ़ाइए. एकदम से शरीर पर जोर मत डालिए. ऐसे लोगों को वर्कआउट या एक्ससरसाइज करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए."
ये कैसे पता चलेगा कि किन्हें सीवियर कोविड था और उन्हें अपना खास ध्यान रखना चाहिए? इसके जवाब में डॉक्टर यतिन मेहता कहते हैं, "कोविड के दौरान जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, जिनकी सांस की तकलीफ बढ़ी या उनके किसी ऑर्गन में असर पड़ा या उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा... ऐसे लोग सीवियर कोविड वाले होंगे. उन्हें अपनी सेहत का खास ख्याल रखना है."
वहीं, एडी डायरेक्टर डीजीएचएस डॉक्टर राकेश शर्मा ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्री को हार्ट अटैक से हुई मौतों को किसी राज्य, किसी शहर या किसी तालुका से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. ये 140 करोड़ की आबादी से जुड़ा विषय है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने जो बात कही, वो बिल्कुल नेक और सही बात कही है. कोविड के बाद हमारी हेल्थ पर बेशक असर पड़ा है. किसी को कोविड हुआ था, इलाज होने के बाद उनकी जान बच गई है. ऐसे लोगों को अपनी फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज को धीरे-धीरे बढ़ाना है. अपने खानपान का भी ख्याल रखना है."
कोविड ने किस प्रकार दिल की सेहत को प्रभावित किया है?
कोविड-19 मुख्य रूप से एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है. कुछ लोगों में इस इन्फेक्शन ने दिल समेत कई अन्य अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. अन्य वायरल इन्फेक्शन की तरह कोविड-19 भी सीधे इम्युनिटी पर हमला कर मायोकार्डिटिस का कारण बनता है. स्ट्रेस की वजह से एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम, इलेक्ट्रोलाइट व एसिड-बेस्ड समस्याओं की वजह से एरिथीमिया दिल संबंधी जटिलताओं की वजह से अचानक मौत का कारण बनता है.
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