हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के बीच एक अहम रिपोर्ट सामने आई है. जिससे पता चलता है कि राज्य ने बेरोजगारी दर में एक साल के भीतर सबसे अधिक कमी दर्ज की है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) की पीएलएफएस की 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी है, जो कि पिछले साल 2022-23 में 9.2 प्रतिशत थी. बेरोजगारी दर में गिरावट के मामले में, तमिलनाडु दूसरे नंबर पर है, और छत्तीसगढ़ तीसरे और मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर है. देश की औसत बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी है, जो कि पिछले साल 5.1 फीसदी थी.
राज्यों में बेरोजगारी की बात करें तो इस साल गोवा में सबसे अधिक 8.5 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है. वहीं, केरल 7.2 फीसदी के साथ दूसरे और नागालैंड 7.1 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर है. वहीं केंद्रशासित प्रदेश में सबसे अधिक बेरोजगारी लक्षद्वीप में है जहां बेरोजगारी दर 11.9 फीसदी है. पूरे देश में एकमात्र मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां बेरोजगारी दर एक फीसदी से भी कम है. सबसे कम बेरोजगारी मध्य प्रदेश के बाद गुजरात और झारखंड में है. गुजरात में बेरोजगारी दर 1.1 प्रतिशत और झारखंड में 1.3 फीसदी है.
अगर युवा वर्ग 15 से 29 साल की बात करें, तो सबसे अधिक बेरोजगारी केरल में करीब 30 फीसदी है. देश की औसत बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी है, जो कि पिछले साल 5.1 फीसदी थी. वहीं, कामकाजी लोगों की बात करें, तो सिक्किम में सबसे अधिक 58.2 फीसदी कामकाजी लोग हैं और बिहार में सबसे कम 28 फीसदी. देश का औसत वर्कर्स पोपुलेशन रेशियो 38.7 फीसदी है. ये रिपोर्ट इशारा करती है, कि देश की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है. कई राज्यों जैसे हरियाणा ने शानदार प्रदर्शन किया है.
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