
ED Court Decision against Corrupt in Jabalpur: जबलपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने शहर में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी पाए गए तीन आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. अदालत ने हर एक पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न भरने पर छह-छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
ईडी के विशेष न्यायाधीश इरशाद अहमद ने यह फैसला गौरी घाट निवासी सहायक लेखाधिकारी रहे सूर्यकांत गौर के परिवार के विरुद्ध सुनाया. गौर की पत्नी विनिता गौर, पुत्र शिशिर गौर और पुत्रवधु सुनीता गौर को अदालत ने दोषी मानते हुए दंडित किया. हालांकि, मुख्य आरोपी सूर्यकांत गौर का मामले के विचाराधीन रहने के दौरान ही मौत हो गई थी.
पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति बनाने का था मामला
विशेष लोक अभियोजक विक्रम सिंह ने अभियोजन पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि सूर्यकांत गौर ने कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (सीडीए) जबलपुर में सहायक लेखाधिकारी पद पर रहते हुए वर्ष 2011 तक अपने पद का दुरुपयोग किया. इस दौरान उन्होंने पत्नी, पुत्र और पुत्रवधू के नाम पर करीब 90.85 लाख रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की. वहीं, लगभग 9 लाख रुपये का अस्पष्टीकृत खर्च भी सामने आया था.
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इस पूरे प्रकरण की सबसे अहम बात यह है कि जबलपुर की ईडी कोर्ट से आया यह अब तक का पहला फैसला है, जिसने भ्रष्टाचार और कदाचार के मामले में सजा सुनाई गई है. जो भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत है.
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