निर्दलीय सांसद नवनीत राणा तथा उनके निर्दलीय विधायक पति रवि राणा, जिन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोशिश के बाद गिरफ्तार किया गया था, ने NDTV से कहा कि उन्होंने ये चौपाइयां पढ़ने का फैसला इसलिए लिया, क्योंकि "महाराष्ट्र गहरे खतरे का सामना कर रहा है..." अज़ान के लिए लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर उपजे विवाद के बाद हुई गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की शह पर ही राणा दंपति विवाद को हवा देने के लिए लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे थे.
जब यह कहा गया कि उन पर हनुमान चालीसा का राजनीतिकरण करने का आरोप है, नवनीत राणा ने NDTV से कहा, "जब भी कोई बड़ा खतरा होता है, हनुमान चालीसा और संकटमोचन (भगवान हनुमान का एक अन्य नाम) को ही याद किया जाता है... और मुझे लगता है कि आज महाराष्ट्र गहरे खतरे में है..."
इससे पहले, आज ही पुलिस द्वारा राणा दंपति की ज़मानत रद्द करने की मांग किए जाने के बाद मुंबई की एक अदालत ने दंपति को नोटिस भेजा था. पुलिस का दावा है कि राणा दंपति ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने से पहले इस केस के बारे में मीडिया से बात कर अपनी ज़मानत शर्तों का उल्लंघन किया है.
राणा दंपति के अनुसार, उनका दिल्ली दौरा जेल में उनके साथ किए गए व्यवहार को सामने लाने के लिए है. नवनीत राणा ने दावा किया कि डॉक्टर की सलाह के बावजूद उन्हें इलाज करवाने की इजाज़त नहीं दी गई थी.
जेल में बिताए दिनों तथा 'एक महिला से दुर्व्यवहार' के बारे में रवि राणा ने कहा, "अगर बालासाहेब ठाकरे होते, तो ऐसा कभी नहीं होता... लेकिन अब यहां उद्धव ठाकरे हैं... जो एक महिला से डरते हैं..."
राणा दंपति का कहना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम इस्तेमाल कर ही सत्ता में आए हैं. रवि राणा ने कहा, "वोट हासिल हो जाने के बाद उन्होंने BJP की पीठ में छुरा घोंप दिया... और उन्होंने बालासाहेब को भी पीठ में छुरा घोंपा..." इस मौके पर नवनीत ने कहा, "उन्हें अपने नाम पर सत्ता में आने की कोशिश करने दीजिए... रामभक्त और हनुमानभक्त उन्हें असलियत दिखा देंगे..."
रवि राणा ने अदालती आदेश के उल्लंघन से इंकार करते हुए कहा, "जिस तरह हमने 13-14 दिन जेल में बिताए, और जिस तरह एक महिला के साथ व्यवहार किया गया... जिस तरह हमने एक मुख्यमंत्री के आदेश के चलते कष्ट झेले, बस उसे ही हम जनता के सामने लाए हैं, जो संविधान के अंतर्गत हमारा अधिकार है..."
रवि राणा ने कहा कि जेल प्रशासन ने कबूल किया था कि वे "मुख्यमंत्री की तरफ से बहुत दबाव में थे..." रवि राणा के मुताबिक, उनकी पत्नी नवनीत राणा के साथ "उस तरह का व्यवहार किया गया, जैसा अंग्रेज़ों के शासनकाल में कैदियों के साथ किया जाता था..."
नवनीत राणा बोलीं, "मैंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को जानकारी दी है कि मुझसे किस तरह दुर्व्यवहार किया गया... यह मेरा फर्ज़ है... मैंने सभी जानकारी विस्तार से दी, और अब 23 तारीख को उसे विशेषाधिकार समिति के सामने रखा जाएगा..."
नवनीत राणा के अनुसार, "मुझे नहीं लगता, मुझ पर किसी अपराध का आरोप लगाया जाना चाहिए था... आप कहते हैं, मैं हनुमान चालीसा का ज़िक्र भी नहीं कर सकती... किसी लोकतांत्रिक देश में ऐसा कैसे हो सकता है... अगर मैं खुद के लिए ही नहीं लड़ सकती, तो मैं किसी दूसरे को इंसाफ कैसे दिलवा सकती हूं..."
राणा दंपति पर अपने बयानों के ज़रिये समुदायो के बीच वैमनस्य को बढ़ाने तथा देशद्रोह के आरोप हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राणा दंपति के विरुद्ध राज्य सरकार की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा, "इस आशंका के तहत कार्रवाई सही है कि यह कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी समस्या पैदा कर सकता है..."
जजों ने कहा, "ऐसी घोषणा करना कि एक शख्स किसी दूसरे शख्स के घर या किसी सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक पाठ करेगा, दूसरे व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है... जब ज़्यादा ताकत मिलती है, तो बड़ी ज़िम्मेदारी भी साथ होती है (और) सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्तियों से ज़िम्मेदारी से व्यवहार करने की उम्मीद की जाती है...."
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