चंडीगढ़:
ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भारतीय सेना कमांडर इन चीफ रहे जरनल एके वैद्य के हत्यारों सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा और हरदेव सिंह उर्फ जिंदा के घरवालों को एसजीपीसी ने मंगलवार को स्वर्ण मंदिर में सम्मानित किया।
जनरल वैद्य के हत्यारों को फांसी दी गई थी और एसजीपीसी सुखा और जिंदा को शहीद मानती है और हर साल स्वर्ण मंदिर में शहीद दिवस मनाती है। ऑपरेशन ब्लू स्टार के दो साल बाद खालिस्तान कमांडो फोर्स के इन दोनों आतंकवादियों ने 10 अगस्त 1986 को जनरल वैद्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
वहीं, इस पर ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल केएस ब्रार ने कहा है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। जनरल वैद्य शहीद हैं। एसजीपीसी को जनरल वैद्य को सम्मानित करना चाहिए। अकाली इस मुद्दे पर चुप हैं और वह देश विरोधी लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं। अकाली ज़ख्मों पर मरहम नहीं लगाना चाहते हैं। वहीं, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि ऐसा कोई भी सम्मान देने से पहले सोचना चाहिए।
जनरल वैद्य के हत्यारों को फांसी दी गई थी और एसजीपीसी सुखा और जिंदा को शहीद मानती है और हर साल स्वर्ण मंदिर में शहीद दिवस मनाती है। ऑपरेशन ब्लू स्टार के दो साल बाद खालिस्तान कमांडो फोर्स के इन दोनों आतंकवादियों ने 10 अगस्त 1986 को जनरल वैद्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
वहीं, इस पर ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल केएस ब्रार ने कहा है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। जनरल वैद्य शहीद हैं। एसजीपीसी को जनरल वैद्य को सम्मानित करना चाहिए। अकाली इस मुद्दे पर चुप हैं और वह देश विरोधी लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं। अकाली ज़ख्मों पर मरहम नहीं लगाना चाहते हैं। वहीं, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि ऐसा कोई भी सम्मान देने से पहले सोचना चाहिए।
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