
पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी (फाइल फोटो).
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जांच एजेंसी सीबीआई ने खुलासा किया
संपत्ति का ब्योरा न देना एयर फोर्स कानून के तहत जुर्म
सीबीआई के मुताबिक बेल होने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा
जांच एजेंसी के मुताबिक नियमानुसार सरकारी कर्मचारी को सरकार को अपनी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी देनी होती है. त्यागी ने वायुसेना प्रमुख रहते हुए गुड़गांव में संपत्ति खरीदी लेकिन उसका ब्योरा सरकार को नहीं दिया. एयर फोर्स कानून के तहत यह जुर्म है. इस मामले में त्यागी को सजा हो सकती है.
सीबीआई की मानें तो जब अगुस्ता डील फाइनल हो रही थी तब त्यागी कई बिचौलियों से भी मिले. सीबीआई का पक्ष है कि "अगर वे जानते थे कि वे बिचौलिए हैं तो केंद्र सरकार को उन्होंने बताया क्यों नहीं ?" इस मामले को लेकर एसपी त्यागी से बात करने की कोशिश कई बार की गई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.
उधर त्यागी के वकील कह चुके हैं कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का फैसला एक "कलेक्टिव" फैसला था जिसका हिस्सा प्रधानमंत्री कार्यालय भी था. सीबीआई अपनी तरफ से सफाई दे रही है कि त्यागी और शेष आरोपियों की अगर बेल हो गई है तो इससे केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सीबीआई का कहना है कि "जब तक वे किसी गवाह को गुमराह नहीं करते ता फिर सबूत से छेड़छाड़ नहीं करते तब तक बेल दिए जाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है."
कोर्ट ने सीबीआई की जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की है. वैसे भी सीबीआई ने हाई कोर्ट में त्यागी की बेल के खिलाफ अर्जी लगा दी है.
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