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धराली त्रासदी: केंद्र और राज्य सरकार ने राहत-बचाव में झोंकी पूरी ताकत

PM नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार सुबह मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बातचीत कर आपदा की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश के बावजूद सभी एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

धराली त्रासदी: केंद्र और राज्य सरकार ने राहत-बचाव में झोंकी पूरी ताकत
  • उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं.
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया.
  • केंद्र सरकार ने दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराए हैं.
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नई दिल्ली:

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं. राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र की एजेंसियां भी पूरी तत्परता से जुटी हुई हैं. CM पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया.

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CM ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है. राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक सहायता पहुंचे और सामान्य स्थिति जल्द बहाल हो.

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PM नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार सुबह मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बातचीत कर आपदा की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश के बावजूद सभी एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

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हेलीकॉप्टर और सेना की तैनाती
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराए हैं. चिनूक हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भारी मशीनरी भी भेजी जा रही है, ताकि बाधित सड़कों को खोला जा सके. बचाव कार्यों में सेना के 125 जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान, बीआरओ के 6 अधिकारी और 100 से अधिक मजदूर लगे हुए हैं.

स्वास्थ्य सेवाएं और राहत शिविर
स्वास्थ्य विभाग ने दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में आपदा पीड़ितों के लिए बेड आरक्षित किए हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ मनोचिकित्सकों को भी उत्तरकाशी भेजा गया है. प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं. बिजली और संचार नेटवर्क बहाल करने के प्रयास भी जारी हैं.

प्रशासनिक समन्वय
राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को ही 3 आईएएस अधिकारियों, दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर दिया था. एनआईएम और एसडीआरएफ की टीमें लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में जुटी हुई हैं.

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