दिल्ली के नामी प्राइवेट स्कूल सेंट कोलंबस के एक 16 साल के छात्र शौर्य पाटिल के सुसाइड की कहानी झकझोर देने वाली है. ये वाकया हर उस अभिभावक और स्कूल के लिए न भूलने वाला सबक है, जो बच्चों को रोबोट समझकर उन्हें अपने मनमुताबिक सांचे में ढालने की होड़ में इस कदर अंधे हो जाते हैं, जिसका अंत कई बार बेहद दर्दनाक होता है. घटना के पांच दिन बाद भी शौर्य से जुड़े जो किस्से सामने आ रहे हैं, वो आंखें खोलने वाले हैं. ऐसी ही एक और कहानी शौर्य को स्कूल से निकलने के बाद आखिरी वक्त देखने वाली एक महिला ने सुनाई है. उसने बताया कि बच्चे की हालत उस वक्त कैसी थी...
स्कूल से निकलते वक्त शौर्य को आखिरी बार देखने वाली महिला दीपशिखा ने उस दिन 18 नवंबर के वाकये को बयां किया है.स्कूल से निकलते वक्त शौर्य किस कदर परेशान था, ये उनकी गवाही से साफ झलकता है. स्कूल से निकलने के बाद शौर्य दिल्ली के राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचा था और वहां छत से उसने छलांग लगाकर जान दे दी.
दरअसल, दीपशिखा का बच्चा भी उसी स्कूल में पढ़ता है और वो अपने बच्चे के साथ रिक्शा में घर जा रही थी, तभी उसी रिक्शे में दौड़ते हुए आकर शौर्य आकर बैठा. शौर्य बेहद बदहवास और परेशान सा था. शौर्य के मन में मानो एक तूफान सा हिलोरे मार रहा था. उसने रिक्शा ड्राइवर से बोला कि जल्दी जल्दी चलो. दीपशिखा को रहा नहीं गया तो उसने तपाक से पूछ ही लिया, क्या हुआ बेटा. कुछ पलों के लिए खामोश रहने के बाद उसने कहा कि आपको अपने बेटे का नाम स्कूल से हटा लेना चाहिए. मेरा बोर्ड एग्जाम आ रहा है और टीचर मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं. मैं बता नहीं सकता कि मुझे किस कदर प्रताड़ित किया गया है. मेरे माता-पिता को बार-बार स्कूल बुलाया जा रहा है.
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10वीं का छात्र शौर्य ने एक नोट छोड़ा था, जिसमें उसने स्कूल टीचरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने उन आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी. इस मामले में दर्ज एफआईआर में इन शिक्षकों को आरोपी बनाया गया है. प्राइवेट स्कूल के खिलाफ अभिभावकों और छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि राज्य सरकार ने जांच समिति बनाई है और नतीजों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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