दिल्ली के ओल राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में बारिश का पानी भरने से 3 छात्रों की डूबकर मौत हो गई. इस मामले के बाद कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली नगर निगम (MCD) के अधिकारियों से लेकर दिल्ली पुलिस और विभागों पर नियमों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं. हालांकि, दिल्ली नगर निगम और विभागों की तरफ से दावे किए जा रहे हैं कि उनके सिस्टम में दिक्कत नहीं है. बेसमेंट हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने 5 सदस्यीय कमेटी बना दी है. इन सबके बीच सवाल उठ रहे हैं कि अगर सारा सिस्टम सही है, तो बेसमेंट में कैसे 3 छात्रों की मौत हो गई? उनके लिए सुरक्षा के उचित इंतजाम क्यों नहीं थे. आइए जानते हैं दिल्ली के कोचिंग कांड को लेकर उठ रहे ऐसे 10 सवाल, जिनके जवाब का इंतजार है:-
कोचिंग सेंटर या मौत की फैक्ट्री
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर और करोल बाग जैसे इलाकों में कोचिंग के हब हैं. यहां थोड़ी-थोड़ी दूर पर कोचिंग खुल गए हैं. कोचिंग में एडमिशन के लिए बच्चों से लाखों में फीस ली जाती है. लेकिन सुविधाओं के नाम पर वैसी चीजें नहीं मिलती, जैसी मिलनी चाहिए. बेसमेंट में बिना सुरक्षा इंतजाम के क्लासेस चलती हैं. जहां कभी भी हादसे का खतरा बना रहा है. ऐसे में ये कोचिंग सेंटर कम और मौत की फैक्ट्रियां ज्यादा लगती हैं.
जिन घरों के चिराग बुझ गए, उनका गुनहगार कौन
ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे में MCD, पुलिस और अन्य विभागों पर आरोप लग रहे हैं. छात्रों का कहना है कि बेसमेंट में नियमों को ताक पर रखकर क्लासेस और लाइब्रेरी ऐसे ही नहीं चल सकती. इसके लिए MCD, पुलिस और विभागों के बीच साठगांठ है. सबको पहले से जानकारी थी कि ऐसे कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. अब दिखावे के लिए बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है. हालांकि, MCD और पुलिस अधिकारी आरोपों से पल्ला झाड़ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि बेसमेंट हादसे में जिन घरों के चिराग बुझ गए, उनका गुनहगार कौन है?
इन 10 सवालों का कौन देगा जवाब?
सवाल नंबर 1- आखिर कोचिंग सेंटर के सामने वाली सड़क पर घुटने से ऊपर तक पानी आया कैसे?
सवाल नंबर 2- क्या सड़क पर एक गाड़ी से तेजी से गुजरने के कारण कोचिंग सेंटर के बेसमेंट का दरवाजा टूट गया और पानी अंदर भर गया?
सवाल नंबर 3- बेसमेंट का गेट बायोमेट्रिक था तो क्या बिजली चले जाने, पानी भरने, आग लगने या किसी भी हादसे की स्थिति में वो बायोमेट्रिक गेट काम करना बंद कर देता है?
सवाल नंबर 4- अगर बेसमेंट में लाइब्रेरी चला रहे थे तो उसमें इमरजेंसी एग्जिट गेट की व्यवस्था क्यों नहीं थी?
सवाल नंबर 5- जब हादसा हुआ तो उस कथित लाइब्रेरी का लाइब्रेरियन क्यों नहीं था?
सवाल नंबर 6- जब बेसमेट कोचिंग के स्टोरेज के लिए लिया गया था, तो वहां छात्रों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी कैसे बना दिया?
सवाल नंबर 7- अगर ये सब अवैध काम हो रहे थे तो एमसीडी कहां सो रही थी?
सवाल नंबर 8- पहले लापरवाही बरतना और फिर कोई बडा हादसा होने के बाद अतिक्रमण पर बुलडोजर के दिखावे से क्या होगा?
सवाल नंबर 9- आखिर आपके साथ मुस्तैद रहने वाली दिल्ली पुलिस हादसे से पहले तक क्या कर रही थी?
सवाल नंबर 10- पिछले हादसों से शासन और प्रशासन सबक क्यों नहीं लेता?
ये वेकअप कॉल है सर... कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत पर मनोज झा की संसद में इमोशनल स्पीच
दिल्ली बेसमेंट हादसे में गृह मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी
दिल्ली के बेसमेंट हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है. कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी, अग्निशमन सलाहकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव संयोजक हैं. मंत्रालय ने कमेटी की 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. ऐसे हादसों से बचने के उपाय और नीति में बदलाव की सिफारिश भी होगी.
अब तक 13 कोचिंग सेंटर सील
दिल्ली नगर निगम (MCD) ने ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है. MCD ने नियमों की अनदेखी करके चल रहे 13 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट को सील कर दिया है. कुछ कोचिंग सेंटरों को कार्रवाई का नोटिस भी थमाया गया है. MCD के एक अधिकारी ने बताया कि ‘बेसमेंट' में अवैध रूप से संचालित प्रतिष्ठानों की पहचान कर ली गई है. उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि MCD ने पिछले साल मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लगने के बाद ऐसे कोचिंग सेंटरों का सर्वे किया था.
कोचिंग सेंटर ने क्या कहा?
राव IAS स्टडी सर्कल कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से हादसे में 3 छात्रों की मौत को लेकर एक बयान जारी किया गया है. कोचिंग सेंटर ने घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए मृतक छात्र-छात्राओं के परिजनों के प्रति शोक जताया है. कोचिंग सेंटर ने कहा कि वो दुख की इस घड़ी में उनके परिवारों के साथ खड़े हैं.
छात्रों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में मारे गए तीनों छात्रों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं