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बेसमेंट में 3 छात्रों की मौत के बाद कोचिंग सेंटर पर एक्शन, रद्द होगा फायर सेफ्टी क्लियरेंस सर्टिफिकेट

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट हादसे के बाद 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए हैं. ये इस इलाके में चल रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ अब तक की बड़ी कार्रवाई है. पुलिस ने इस हादसे में अब तक कोचिंग सेंटर और बिल्डिंग के मालिक समेत कुल 7 आरोपी गिरफ्तार किए हैं.

बेसमेंट में 3 छात्रों की मौत के बाद कोचिंग सेंटर पर एक्शन, रद्द होगा फायर सेफ्टी क्लियरेंस सर्टिफिकेट
बेसमेंट हादसे के बाद 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए हैं.
नई दिल्ली:

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश से बाद हुए जलभराव में डूबकर 3 IAS अभ्यर्थियों की मौत के मामले में पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. हादसे के दो दिन बाद सोमवार को फायर ब्रिगेड विभाग ने उस बिल्डिंग की फायर सेफ्टी क्लियरेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुलिस ने इस हादसे में अब तक कोचिंग सेंटर और बिल्डिंग के मालिक समेत कुल 7 आरोपी गिरफ्तार किए हैं. उन पर गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से मौत का आरोप है.

बेसमेंट हादसे के बाद 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए हैं. ये इस इलाके में चल रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ अब तक की बड़ी कार्रवाई है. यहां की बिल्डिंग कैंपस में नियमों की अनदेखी करके कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे थे. इस बीच सिविल अथॉरिटीज ने उन कोचिंग संस्थानों के पास बुलडोजर की कार्रवाई भी शुरू कर दी है, जहां अतिक्रमण की वजह से नालियों के ब्लॉक होने की शिकायत मिली थी. नालियां ब्लॉक होने से जलभराव की समस्या बढ़ गई है.

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इस बीच फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट ने 9 जुलाई को Rau's IAS Study Circle कोचिंग सेंटर वाली बिल्डिंग को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया था. फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट ने अब कहा है कि कोचिंग सेंटर ने इस सर्टिफिकेट के लिए गलत जानकारी दी थी.

इंस्पेक्शन के समय बेसमेंट में रखी थी किताबें
दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा, "जब इंस्पेक्शन टीम ने कोचिंग सेंटर का दौरा किया, तो उन्हें बताया गया कि बेसबेंस का इस्तेमाल स्टोरेज के लिए किया जाता है. निरीक्षण के समय बेसमेंट में किताबें और टेबल-कुर्सियां रखी हुई थीं. अब पता चला कि कोचिंग सेंटर ने गलत जानकारी दी. हमने MCD को इस बारे में सूचना दे दी है, ताकि इस बिल्डिंग की NOC रद्द की जाए."

NDTV ने रविवार को खबर दी थी कि MCD के नॉन-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी NOC में भी कहा गया है कि बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग या स्टोरेज के लिए किया जाना है. इस महीने की शुरुआत में जारी अपने NOC में फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट ने कहा था कि बिल्डिंग ने फायर सेफ्टी की जरूरतों का पालन किया है. इसमें कहा गया है कि बेसमेंट का इस्तेमाल बिल्डिंग उपनियमों के मुताबिक किया जाना चाहिए.

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बेसमेंट में कैसे डूबे छात्र?
27 जुलाई की रात को बिल्डिंग में बारिश के दौरान बिजली चली गई. इससे बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी का बायोमेट्रिक गेट जाम हो गया. छात्र अंधेरे में लाइब्रेरी के अंदर फंसे रहे. कुछ देर बाद बारिश के पानी का बहाव तेज हुआ और इससे गेट टूट गया. गेट टूटने के बाद देखते ही देखते पानी भरने लगा. पानी का बहाव इतना तेज था कि लोगों का वहां से निकला मुश्किल हो गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, महज 2-3 मिनट में ही पूरे बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया.

बेसमेंट में फंसे थे 20 से ज्यादा छात्र
इस बीच छात्रों को बचाने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी गंदा होने की वजह से उन्हें रस्सी दिखाई नहीं दी.  पानी ज्यादा होने से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई. इस दौरान डूबने से 3 छात्रों की जान चली गई. मृतकों की पहचान तान्या सोनी (25), श्रेया यादव (25) और नेविन डाल्विन (28) के तौर पर हुई. श्रेया यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली थीं. नेविन डाल्विन केरल के थे और राउ कोचिंग सेंटर में 8 महीने से IAS की तैयारी कर रहे थे. जबकि तान्या सोनी तेलंगाना के सिकंदारबाद की रहने वाली थीं. कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 20 से ज्यादा लोग फंसे थे. बाकियों को रेस्क्यू कर लिया गया है. 

कोचिंग हादसे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. BJP और प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. दिल्ली सरकार ही MCD को कंट्रोल करती है.

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बेसमेंट हादसे को लेकर विरोध प्रदर्शन
इस बीच राष्ट्रीय प्रवासी मंच की याचिका में छात्रों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने और हादसा होने पर उचित मुआवजा देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने दिल्ली सरकार, MCD और राउ IAS कोचिंग को जनहित याचिका में पक्षकार बनाया है. याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में घटना की जांच कराने की मांग की गई है. 

मेयर ने दिए घटना की जांच के आदेश
दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या MCD अधिकारियों की लापरवाही से ये हादसा हुआ. मेयर ने यह भी कहा है कि कानून का उल्लंघन करने वाले सभी कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की जाएगी.

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