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बाढ़, भूस्खलन और उफनती नदियों का तांडव, दिल्ली से लेकर पंजाब तक बाढ़ का कहर; जानें किस राज्य में कैसे हालात

दिल्ली की जलमग्न सड़कें, हिमाचल में भूस्खलन, कश्मीर की घाटियों में रास्तों का नामोनिशान मिटना और पंजाब में बाढ़ का कहर ने हर किसी को मौसम का रौद्र रूप दिया है. यमुना का उफान हो या भूस्खलन की त्रासदी, हर तरफ हाहाकार मचा है. स्कूल-कॉलेज बंद है, फसलें बर्बाद और जनजीवन अस्त-व्यस्त.आइए, जानते हैं फिलहाल कहां कैसे हालात है-

बाढ़, भूस्खलन और उफनती नदियों का तांडव, दिल्ली से लेकर पंजाब तक बाढ़ का कहर; जानें किस राज्य में कैसे हालात
  • दिल्ली में मॉनसून की बारिश और यमुना के उफान से कई निचले इलाकों में बाढ़
  • हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत
  • उत्तराखंड में भूस्खलन और बारिश से राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्ग बाधित हो गए हैं
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नई दिल्ली:

मॉनसून की बारिश जहां कहीं राहत लेकर आती हैं, वहीं कहीं-कहीं तबाही का सबब बन रही हैं. दिल्ली की सड़कों से लेकर हिमाचल की पहाड़ियों और कश्मीर की खूबसूरत घाटियों तक, कुदरत का कहर बरपा हुआ है. कई जगहों पर तो जनजीवन को अस्त-व्यस्त है. यमुना का उफान, भूस्खलन की त्रासदी और बाढ़ से त्राहिमाम मचा हुआ है. बारिश हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब समेत कई राज्यों का कड़ा इम्तिहान ले रही है. पंजाब में तो बाढ़ की वजह से हालत बेहद खराब है, कई गांवों में सब कुछ पानी में डूब चुका है, फसलों से लेकर घरों तक सब कुछ जलमग्न है. जानिए इस वक्त तमाम राज्यों में मौसम के कैसे हालात है, विस्तार से जानिए-

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बारिश और यमुना के उफान से दिल्ली में बाढ़

इस बार की बारिश ने राजधानी दिल्ली को पानी से तरबतर कर दिया है. बीते दिन भी इतनी जोरदार बारिश हुई कि सड़कें पानी में डूब गई और सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई. ऊपर से उफनती यमुना की वजह से राजधानी दिल्ली के कई निचले इलाकों में पानी भर चुका है. मजनू का टीला, मॉनेस्टरी बाजार में पानी भरा है. दिल्ली सचिवालय तक कल पानी पहुंच गया है. मयूर विहार फेज-1 और यमुना बाजार में बाढ़ का पानी राहत शिविरों में घुस गया, जिससे सैलाब के कारण विस्थापित हुए लोगों की परेशानी और बढ़ गई. IMD ने पूर्व, दक्षिण, मध्य, नई दिल्ली, उत्तर, दक्षिण-पश्चिम और पश्चिमी दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज की संभावना जताते हुए ‘येलो' और ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है. लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है. 

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हिमाचल प्रदेश में भी मौसम की मार

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में गुरुवार को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने तबाही मचाई. इनर अखाड़ा बाजार के पास तीन मकान मलबे में दब गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए. पांच लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन युद्धस्तर पर रेस्क्यू जारी हैं. इससे पहले, मंडी जिले के सुंदरनगर में भूस्खलन से दो घर तबाह हुए, जिसमें एक ही परिवार के 4 सदस्यों सहित छह लोगों की मौत हो गई. रामपुर से शिमला जा रही एक निजी बस पर पत्थर गिरने से दो महिलाओं की जान चली गई और 15 लोग घायल हुए. हिमाचल में बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 343 लोगों की मौत हो चुकी है, 43 लोग लापता हैं, और 3,690 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य में 1,292 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी, कुल्लू और शिमला सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

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उत्तराखंड: बारिश और भूस्खलन का कहर

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों सहित 54 सड़कें बंद हैं. ऋषिकेश-यमुनोत्री, ऋषिकेश-गंगोत्री और ऋषिकेश-केदारनाथ मार्ग कई जगहों पर बाधित हैं. यमुनोत्री राजमार्ग पर स्यानाचटटी में यमुना नदी का पानी पुल पर बहने लगा, जिसकी वजह से यहां आवाजाही बंद कर दी गई. खराब मौसम के कारण हेमकुंड साहिब और चार धाम यात्रा पर आज तक रोक लगा दी गई है. इससे पहले उत्तराखंड के धराली में बादल फटने के बाद जो सैलाब आया उसने सबकुछ लील लिया.

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कश्मीर, यूपी, पंजाब- हरियाणा का क्या हाल

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन ने कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से काट दिया है. जम्मू-श्रीनगर मुख्य राजमार्ग सहित कई मार्ग बंद हैं, जिससे 3,500 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं. रेल यातायात भी नौ दिनों से ठप पड़ा है. कटरा के पास माता वैष्णो देवी मंदिर के निकट भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो चुकी है. जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं, सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और व्यापार ठप हो गया है. पंजाब में दशकों की सबसे भीषण बाढ़ ने 37 लोगों की जान ले ली और 3.55 लाख लोगों को प्रभावित किया. 1.75 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गईं. हरियाणा में जल निकासी और पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपात बैठकें बुलाई गई हैं. 

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