दिल्ली की एक अदालत ने सीनियर जर्नलिस्ट राणा अय्यूब (Rana Ayyub)के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. उनपर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साल 2016-17 में अपमानजनक पोस्ट करने का आरोप है. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 25 जनवरी को पुलिस को महिला पत्रकार राणा अय्यूब पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि पहली नजर में उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनता है. पुलिस को इसकी जांच की जरूरत है.
न्यूज़ एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला पत्रकार पर जो आरोप लगे हैं, उनमें हिंदू देवी-देवताओं का अपमान, भारत विरोधी भावना फैलाना और धार्मिक विद्वेष को भड़काना शामिल है. कोर्ट के फैसले पर राणा अय्यूब ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने FIR दर्ज करने के आदेश संबंधी खबरों को अपने X हैंडल से रि-पोस्ट जरूर किया है.
25 जनवरी को जारी आदेश में अदालत ने कहा, ''मामले के तथ्यों से प्रथम दृष्टया धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए दंड), 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और आईपीसी की 505 (विवादित बयान) के तहत संज्ञेय अपराध बनते हैं.'' कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश देना उचित था.
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता की तरफ से दिए गए फैक्ट्स ऐसे हैं, जिनके लिए पुलिस जांच के रूप में राज्य मशीनरी के दखल की जरूरत है. शिकायतकर्ता (वकील) सबूत इकट्ठा करने की स्थिति में नहीं होगा.
राणा अय्यूब पहले तहलका न्यूज ग्रुप से जुड़ी हुई थीं. अब वह एक इंडिपेंडेंट कॉलमनिस्ट हैं. उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट के लिए कई आर्टिकल लिखे हैं.
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