Coronavirus Outbreak: कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को हाईकोर्ट व निचली अदालतों में कामकाज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई को कानूनी अमली जामा पहनाया. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कामकाज को कानूनी सुरक्षा प्रदान की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी हाईकोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए सुनवाई करेंगे. टेक्नॉलॉजी ने कनेक्टिविटी, एक्सेसिबिलिटी की सुविधा दी है वैसे भी कोर्ट तकनीक को अपनाने में सक्रिय रहे है.कामकाज में बदलाव की जरूरत है. शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी अदालतों में आईसीटी सक्षम बुनियादी ढाँचा स्थापित किया गया है.
न्यायिक आवेदन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के अभूतपूर्व असाधारण प्रकोप के आधार पर यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अदालत परिसर वायरस के प्रसार में योगदान न करें. यह विवेक की नहीं बल्कि हमारे कर्तव्य की बात है. अदालत ने इस दौरान कहा, कोरोना के अभूतपूर्व प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि परिसर में संक्रमण न हो
वीडियोकांफ्रेंसिंग उपायों को कानूनी सुरक्षा देने के लिए विशेष शक्तियों का उपयोग
शीर्ष कोर्ट यानी सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान अदालत के वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए काम करने पर स्वत: संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ के समक्ष सुनवाई शुरू हुई. इस दौरान CJI ने कहा कि वरिष्ठ वकील विकास सिंह के लॉकडाउन के दौरान अदालत के काम करने के सुझावों पर लिखी चिट्ठी पर संज्ञान लिया गया है. अदालत के कामकाज में बदलाव लाया जा है और इस पर गंभीर विचार करने की जरूरत है. CJI ने कहा कि इस मामले में सुझावों पर दृढ़ता से विचार करने की आवश्यकता है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा.
सीजेआई ने कहा कि हाईकोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र मे वीडियो कांफ्रेसिंग के लिए कोई भी प्रणाली इस्तेमाल कर सकते हैं.हम इस बात पर कोई नियम नहीं बना रहे हैं कि क्या एप्लीकेशन इस्तेमाल की जानी चाहिए. हम तब तक इसे नहीं सुनेंगे जब तक सरकार की ओर से तालाबंदी को हटाने की घोषणा नहीं की जाती. लॉकडाउन को हटा दिया जाता है हम मामले को सुनेंगेण्अगर लॉकडाउन नहीं उठाया गया तो हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियोकॉनफ्रेंसिंग की गुणवत्ता पर कोई शिकायत, सुनवाई के दौरान या तुरंत बाद की जाए.बाद में इस बारे में कोई शिकायत नहीं उठाई जा सकती. जिला न्यायालय संबंधित HC नियमों के अनुसार वीडियोकांफ्रेंसिंग अपनाने के लिए कदम उठाएंगे. सभी अदालतों, जजों, वकीलों, वादियों का सहयोग होना चाहिए ताकि COVID-19 से लड़ा जा सके. हम देखेंगे कि इस मामले में सिस्टम कैसे काम करता है.
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