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भ्रम फैलाने में माहिर है कांग्रेस, मणिशंकर अय्यर उसी स्कीम का हिस्सा : NDTV से पीएम मोदी

पीएम मोदी ने NDTV से इंटरव्यू में कहा कि, देश में भ्रम पैदा करना, वातावरण बदलना, नए-नए मुद्दे जोड़ते रहना और विपक्ष को ऐसे मुद्दों पर रिएक्ट करने के लिए मजबूर कर देना, कांग्रेस की एक सोची समझी रणनीति है.

भ्रम फैलाने में माहिर है कांग्रेस, मणिशंकर अय्यर उसी स्कीम का हिस्सा : NDTV से पीएम मोदी
नई दिल्ली:

कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) ने कहा है कि पाकिस्तान (Pakistan) का सम्मान करो, उसके पास एटम बम है. इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने NDTV के साथ खास इंटरव्यू में कहा कि, कांग्रेस (Congress) की देश में भ्रम पैदा करने की सोची समझी रणनीति है, लेकिन इससे मतदाता प्रभावित नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि, वातावरण बदलना, नए-नए मुद्दे जोड़ते रहना और विपक्ष को ऐसे मुद्दों पर रिएक्ट करने के लिए मजबूर कर देना. वे ऐसी अलग-अलग चालाकियां करते रहते हैं. 

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बीच शुक्रवार को NDTV के एडिटर-नेशनल अफेयर्स विकास भदौरिया और एक्जीक्यूटिव एडिटर-पॉलिटिकल अखिलेश शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी का खास इंटरव्यू किया. 

कांग्रेस की ओर से अक्सर यह कोशिश होती है कि पाकिस्तान को इलेक्शन में ले आया जाए और एक खास तबके के वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए उसका इस्तेमाल होता है. इस बार मणिशंकर अय्यर कह रहे हैं...जो हर चुनाव में आपके लिए कुछ ने कुछ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं. कुल मिलाकर अब तक कांग्रेस 100 से ज्यादा अपशब्दों का इस्तेमाल आपके लिए कर चुकी है. लेकिन इस बार धमकी अलग है, इस बार कह रहे हैं कि पाकिस्तान का सम्मान करो, नहीं तो एटम बम है उसके पास!    

इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि, ''मैं समझता हूं कि यह तवज्जो देने वाले विषय नहीं हैं. उनकी (मणिशंकर अय्यर) पार्टी (कांग्रेस) भी उनको तवज्जो नहीं देती है. लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है कि पार्टी योजना से ऐसे लोगों के माध्यम से कुछ शगूफे छोड़ती है. वे अकेले अपनी मर्जी से ऐसा करते होंगे ऐसा मुझे नहीं लगता है. क्योंकि वह हो-हल्ला होता है तो कुछ दिन के लिए पार्टी से निकालते हैं, फिर पार्टी की मुख्य धारा में वे रहते हैं. जैसे अभी अमेरिका में जो उनके गुरु (सैम पित्रोदा) हैं, उनको अभी इस्तीफा दिलवा दिया, कुछ दिन के बाद उनको ले लेंगे.'' 

पीएम मोदी ने कहा कि, ''यह उनकी एक सोची समझी रणनीति है, देश में भ्रम पैदा करना, वातावरण बदलना, नए-नए मुद्दे जोड़ते रहना और विपक्ष को ऐसे मुद्दों पर रिएक्ट करने के लिए मजबूर कर देना. तो ऐसी अलग-अलग चालाकियां वे करते रहते हैं. लेकिन देश के मतदाताओं पर इसका कोई प्रभाव होगा, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. टीवी मीडिया में शायद स्पेस मिल जाती होगी उनको.''  

       

''आप सामर्थ्यवान होंगे तो बुराईयां चली जाएंगी''
पाकिस्तान का मुद्दा तो फारुक अब्दुल्ला भी बीच-बीच में काफी उठाते हैं. वे कहते हैं कि पाकिस्तान से बात होनी चाहिए. इस बारे में सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि, ''ऐसा है कि ये सब लोग यही करते हैं. आतंकवाद के साथ लड़ाई लड़ने में उनको लगता था कि पाकिस्तान को संभाल लो तो आतंकवाद संभल जाएगा. हकीकत यह नहीं है जी..आप अगर सामर्थ्यवान होंगे तो बुराईयां चली जाएंगी. अगर आप खूब फिजिकली वीक हैं, तो थोड़ी सी भी बारिश हो गई, तो बीमार हो जाएंगे. थोड़ी भी गर्मी आ गई, आप बीमार हो जाएंगे... क्योंकि आप खुद वीक हैं.. और अगर आप खुद मजबूत हैं तो बीमारियां हो सकता है आएंगी, लेकिन अटक जाएंगी. वैसा भारत को भी सशक्त होना पड़ता है. सशक्त होने का मतलब सेना और बंदूकें, पिस्तौलें.. वह नहीं होता है. अनेक क्षेत्रों में आपके अंदर सामर्थ्य बढ़ाना होता है.''   

''हम पूरी दुनिया के साथ जुड़ना चाहते हैं''
पाकिस्तान से अक्सर खबरें आती हैं कि कोई अज्ञात व्यक्ति किसी आतंकी को गोली मारकर चला गया. वो जो व्यक्ति मारा जाता है वह कहीं न कहीं भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार रहा होता है. तो क्या यह भीतर की लड़ाई शुरू हो गई? 

इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ''मैं हैरान हूं कि आप लोगों ने ऐसा विश्लेषण किया? बिहार का मेरा एक भाई कश्मीर में मेहनत कर रहा था, कोई गोली मारकर भाग गया. कभी आपने विचार किया कि अमरनाथ की यात्रा पर कोई यात्री गया था, उसको ऐसे मार दिया. फलानी जगह पर कोई जा रहा था, किसी ने चाकू मार दिया.. यह कौन हैं अज्ञात लोग, उनकी चर्चा नहीं कर रहे आप लोग. पाकिस्तान के ज्ञात और अज्ञात, वो पाकिस्तान को करने दो न भाई, अपना टाइम क्यों खराब करते हो? हम अपने देश में ध्यान केंद्रित करें.'' 

पाकिस्तान और चीन के साथ हमारे रिश्ते कैसे हों, इसको लेकर इनसे कोई बातचीत होगी क्या?  इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि, ''भारत का हमेशा मत रहा है, विश्व बंधु का हमेशा हमारा भाव रहा है. विश्व बंधु के रूप में जिसको जो जरूरत हो, उससे जुड़ना ही हमारा काम रहा है. हम तो पूरी दुनिया के साथ जुड़ना चाहते हैं, और हम जुड़ते भी रहते हैं. और जुड़े हुए भी हैं.''

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