अक्सर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हो जाता है, जिसकी चर्चा करना लाजिमी हो जाता है. हाल ही में सीजीआई ने वकील को डांटते हुए बताया कि संविधान पीठ के मामले क्या होते हैं. CJI डी वाई चंद्रचूड़ उस समय नाराज हो गए जब एक वकील ने ईमेल भेज कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ के मामलों की सुनवाई में समय बर्बाद कर रही है और आम आदमी को प्रभावित करने वाले मामलों की सुनवाई नहीं कर रही है.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यू नेदुम्परा पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने बड़े सवाल उठाए और फटकार लगाई. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्ररी जनरल को एक ई मेल भेजा है और कहा है कि संविधान पीठ को मामले नहीं सुनने चाहिए, क्योंकि इससे वक्त बर्बाद होता है और आम लोगों की सुनवाई नहीं हो पाती. ऐसा लगता है कि आप इस बात से अनभिज्ञ हैं कि संविधान पीठ के मामले क्या है?
इसमें संविधान की व्याख्या शामिल है, उस मामले को देखें जो हमने परसों सुना था कि क्या LMV लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति परिवहन वाहन चलाने का हकदार है. इसका असर 1000, हजारों ड्राइवरों पर पड़ेगा. आपको लगता है कि हम सिर्फ कुछ फैंसी संविधान पीठ के मामले उठाते हैं जिनका लोगों के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अनुच्छेद 370 मामले में हमने देश के लोगों की बात सुनी, घाटी के लोगों की बात सुनी और साथ ही अनुच्छेद 370 के समर्थक और विपरीत विचार सुने.
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