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This Article is From May 30, 2022

गुपकर गठबंधन की एकता से डरती है केंद्र सरकार : महबूबा मुफ्ती

पीडीपी नेता ने कहा, “गुपकर गठबंधन के राजनीतिक दलों को एकजुट होने की जरुरत है और केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करना चाहिए, क्योंकि इस बात का खतरा है कि वे हमारे अस्तित्व को मिटाने की कोशिश करेंगे.“

गुपकर गठबंधन की एकता से डरती है केंद्र सरकार : महबूबा मुफ्ती
फारूक अब्दुल्ला गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष भी हैं.
श्रीनगर:

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) के नेताओं की एकता से डरती है इसलिए यह समझना कठिन नहीं है कि क्यों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को समन भेजा.

फारूक अब्दुल्ला को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समन भेजे जाने के सवाल पर महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ भी कहने की जरूरत है क्या? क्या आपको यह समझने के लिए रॉकेट साइंस की जरूरत है कि फारूक साहब को क्यों बुलाया गया है? भारत सरकार गुपकर गठबंधन से डरती है. उन्हें डर है कि अगर हम एक साथ आए, तो जम्मू-कश्मीर को लेकर उनकी भयावह योजना विफल हो जाएगी.''

फारूक अब्दुल्ला गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष भी हैं.

महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों को ‘‘उनके नापाक मंसूबों'' को विफल करने के लिए ऐसी स्थिति में अपनी जगह तलाशनी होगी.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें लोगों के बीच जाकर काम करना है. हमने कई बार ज्यादतियों का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन आप जानते हैं, मेरे (निवास) के दरवाजे बंद हैं. मैं एक घायल कश्मीरी पंडित के घर जाना चाहती थी, लेकिन मुझे अनुमति नहीं मिली. हमें इस स्थिति में अपनी जगह तलाशनी होगी और उनके नापाक मंसूबों को विफल करना होगा. केंद्र सरकार हमारी राजनीतिक गतिविधियों से डरती है. उन्होंने हमें बदनाम करने के लिए सब कुछ किया है.”

पीडीपी नेता ने कहा, “गुपकर गठबंधन के राजनीतिक दलों को एकजुट होने की जरुरत है और केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करना चाहिए, क्योंकि इस बात का खतरा है कि वे हमारे अस्तित्व को मिटाने की कोशिश करेंगे.“

उन्होंने कहा, “पांच अगस्त, 2019 के बाद से दिल्ली से जो आदेश आ रहे हैं, ऐसा लगता है कि हमारी नौकरियां और जमीन तथा संसाधन बिक्री के लिए हैं. इसलिए, जब तक हम एकजुट नहीं होते और विरोध नहीं करते, इस बात का खतरा है कि वे हमारे अस्तित्व को मिटाने की कोशिश करेंगे.”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दुनिया भर में बड़े-बड़े दावे कर रही है कि अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है, लेकिन जमीनी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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