प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला को समन जारी किया है. फारूक अब्दुल्ला को मनी लॉन्डरिंग केस में ये समन जारी किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 31 मई को जांचकर्ताओं के सामने पेश होने के लिए कहा है. एक अधिकारी ने ये जानकारी दी. कहा जा रहा है कि ये मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला से जुड़ा हुआ है.
84 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला से ईडी इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला ने अतीत में जेकेसीए के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का "दुरुपयोग" किया और खेल निकाय में नियुक्तियां कीं ताकि बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित धन का दुरुपयोग किया जा सके.
प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) के पूर्व पदाधिकारियों से संबंधित धनशोधन के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति को दिसंबर 2020 में अस्थायी रूप से कुर्क किया था. अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे. इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने अहसान अहमद मिर्जा की 7.25 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति ‘‘अस्थायी रूप से कुर्क'' की थी.
क्या है पूरा मामला
श्रीनगर के राममुंशी बाग थाने में दर्ज एक मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धनशोधन की जांच शुरू की थी. बाद में उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था. सीबीआई जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ 43.69 करोड़ रुपये के धन की हेराफेरी के मामले में आरोपपत्र दायर कर चुकी है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही जांच 2004 एवं 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी के बारे में है.
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