जेपी सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हवाला और आईपीएल में सट्टेबाज़ी के आरोप में सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के पूर्व संयुक्त आयुक्त जेपी सिंह और एक अन्य सहयोगी को गिरफ़्तार किया है. बताया जा रहा है कि इस रैकेट में अभी कई अफ़सर है जो जाँच के घेरे में हैं. जेपी सिंह IPL में हो रही सट्टेबाज़ी की जाँच कर रहे थे लेकिन अब ख़ुद सीबीआई की गिरफ़्त में आ गए हैं.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ आईबी की सूचना के आधार पर वडोदरा के एक फ़ार्म हाउस में मार्च 2015 को रेड हुई थी. वहाँ से मिले डिजिटल रिकॉर्ड से पता चला था कि ऑनलाइन पर सट्टे का धंधा चल रहा है. ये धंधा UK की वेबसाइट betfair.com से टॉमी पटेल नाम का शख़्स चला रहा था. वह अपने साथियों के ज़रिए ये धंधा पाकिस्तान से लेकर UAE और UK तक फैलाए हुए था.
FEMA के तहत हुई जाँच में सामने आया कि हर मैच में 20 करोड़ रुपये का सट्टा लग रहा है. लेकिन 2015 में हुए आईसीसी वर्ल्ड कप में ये रक़म 800 करोड़ पहुँच गई. लेकिन जिस तरह पैसे का हेरफेर हुआ उसमें IPC धाराओं का भी उल्लंघन हुआ जिसके कारण टॉमी पटेल के ख़िलाफ़ PMLA के तहत दर्ज हुआ. उस वक्त ED इस मामले की जाँच कर रही थी और जेपी सिंह ने रिश्वत लेकर इन सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ मामला कमज़ोर बनाया. सीबीआई ने सिंह के साथ तीन और आरोपियों- संजय कुमार, विमल अग्रवाल और चंद्रेश पटेल को गिरफ़्तार किया है.
CBI जाँच में ये भी सामने आया है कि जेपी सिंह के कहने पर विमल अग्रवाल और सोनू जालान सट्टेबाजों से IPL के दौरान पैसा भी इकट्ठा किया करते थे. सीबीआई की माने तो इस रैकेट में अभी कई अफ़सर है जो जाँच के घेरे में हैं.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ आईबी की सूचना के आधार पर वडोदरा के एक फ़ार्म हाउस में मार्च 2015 को रेड हुई थी. वहाँ से मिले डिजिटल रिकॉर्ड से पता चला था कि ऑनलाइन पर सट्टे का धंधा चल रहा है. ये धंधा UK की वेबसाइट betfair.com से टॉमी पटेल नाम का शख़्स चला रहा था. वह अपने साथियों के ज़रिए ये धंधा पाकिस्तान से लेकर UAE और UK तक फैलाए हुए था.
FEMA के तहत हुई जाँच में सामने आया कि हर मैच में 20 करोड़ रुपये का सट्टा लग रहा है. लेकिन 2015 में हुए आईसीसी वर्ल्ड कप में ये रक़म 800 करोड़ पहुँच गई. लेकिन जिस तरह पैसे का हेरफेर हुआ उसमें IPC धाराओं का भी उल्लंघन हुआ जिसके कारण टॉमी पटेल के ख़िलाफ़ PMLA के तहत दर्ज हुआ. उस वक्त ED इस मामले की जाँच कर रही थी और जेपी सिंह ने रिश्वत लेकर इन सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ मामला कमज़ोर बनाया. सीबीआई ने सिंह के साथ तीन और आरोपियों- संजय कुमार, विमल अग्रवाल और चंद्रेश पटेल को गिरफ़्तार किया है.
CBI जाँच में ये भी सामने आया है कि जेपी सिंह के कहने पर विमल अग्रवाल और सोनू जालान सट्टेबाजों से IPL के दौरान पैसा भी इकट्ठा किया करते थे. सीबीआई की माने तो इस रैकेट में अभी कई अफ़सर है जो जाँच के घेरे में हैं.