कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु मेट्रो हादसे (Bengaluru Metro Pillar Collapse) का संज्ञान लिया है, जिसमें एक महिला और उसके दो साल के बेटे की मौत हो गई थी. दरअसल बेंगलुरु में निर्माणाधीन मेट्रों का एक खंभा मंगलवार को चार लोगों के परिवार पर गिर गया था. जिससे एक महिला और उसके ढाई साल के बेटे की मौत हो गई थी. जबकि उसका पति और एक अन्य बच्चा घायल हुआ था. घटना बेंगलुरु में एचबीआर लेआउट के पास आउटर रिंग रोड पर सुबह करीब साढ़े 10 बजे हुई थी. “नम्मा मेट्रो” (बेंगलुरु मेट्रो) के वास्ते कंक्रीट के खंभे को खड़ा करने के लिए की गई स्टील रॉड सेंटरिंग उनके स्कूटर पर गिर गई थी. खंभे की ऊंचाई 40 फुट से ज्यादा और वजन कई टन था.
इस मामले में नागार्जुन विनिर्माण कंपनी (एनसीसी), उसके पांच अधिकारियों और बेंगलुरू मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (बीएमआरसीएल) के दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एनसीसी को पहला आरोपी (ए1) बताया गया है, और उसके बाद उसके अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है. मेट्रो के इस निर्माण कार्य का ठेका एनसीसी के पास है.
घटना के बाद बीएमआरसीएल (बेंगलुरु मेट्रो) के तीन अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया है. वहीं आईआईटी हैदराबाद के अधिकारियों को निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल का सर्वेक्षण और निरीक्षण किया था.
बीएमआरसीएल, प्रबंध निदेशक,अंजुम परवेज ने इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए कहा था किवे एक आंतरिक ऑडिट भी शुरू करेंगे. "हमारे इंजीनियर की रिपोर्ट के अनुसार, मानक प्रोटोकॉल के अनुसार सभी सुरक्षा उपाय किए गए थे, लेकिन फिर भी घटना हुई है. इसलिए हमें तथ्य खोजने का काम करना होगा. क्या कोई मानवीय लापरवाही या तकनीकी समस्या थी, हम इसका पता लगाएंगे."
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने परिवार के लिए 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने धारवाड़ ने घटना की जांच कराने और शोक संतप्त परिवार को मुआवजा देने का आश्वासन दिया था.
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