विज्ञापन

सियासत के 'अखाड़ेबाज' ओवैसी ने जिम में दिखाया दमखम, 56 वर्षीय नेता का पावर-शो दंग कर देगा

तीखे भाषणों और आक्रामक शैली के लिए चर्चित ओवैसी हैदराबाद में एक जिम का उद्घाटन करने पहुंचे, लगे हाथ उन्होंने डंबल और डेडलिफ्ट्स पर भी हाथ आजमाए. उनका दमखम देखने लायक था.

सियासत के 'अखाड़ेबाज' ओवैसी ने जिम में दिखाया दमखम, 56 वर्षीय नेता का पावर-शो दंग कर देगा
  • सियासत के अखाड़े में बड़े-बड़े धुरंधरों को चित्त करने वाले ओवैसी की सेहत का राज सामने आया है.
  • असदुद्दीन ओवैसी शनिवार को हैदराबाद के बहादुरपुरा में एक फिटनेस स्टूडियो का उद्घाटन करने पहुंचे.
  • 56 साल के ओवैसी ने डंबल और डेडलिफ्ट्स पर भी हाथ आजमाए. उनकी फिटनेस देख लोग दंग रह गए.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

सियासत के अखाड़े में बड़े-बड़े धुरंधरों को चित्त करने वाले असदुद्दीन ओवैसी की सेहत का राज सामने आया है. अपने तीखे भाषणों और आक्रामक शैली के लिए चर्चित ओवैसी शनिवार को एक जिम का उद्घाटन करने पहुंचे, लगे हाथ उन्होंने डेडलिफ्ट्स पर भी हाथ आजमा लिया. उनका दमखम देख लोग दंग रह गए. 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन  (AIMIM) के नेता ओवैसी हैदराबाद के सांसद हैं. बहादुरपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक फिटनेस स्टूडियो का फीता काटने के लिए उन्हें इनवाइट किया गया था. उनके साथ बहादुरपुरा के विधायक मोहम्मद मुबीन भी थे. उद्घाटन के बाद ओवैसी डंबल और डेडलिफ्ट्स उठाकर एक्सरसाइज करने लगे. 

56 साल की उम्र में ओवैसी को इतना फिट और एक्टिव देखकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए. जो नेता अक्सर संसद और रैलियों में दहाड़ता नजर आता है, उसे जिम में इस तरह सधे अंदाज में एक्सरसाइज करते देखना अपने आप में अनोखा दृश्य था. 

13 मई 1969 को जन्मे ओवैसी पेशे से राजनेता और वकील हैं. उन्होंने लंदन से लॉ की पढ़ाई की है. वह 5 बेटियों और एक बेटे के पिता हैं. देश की सियासत में उनका अलग ही रुतबा है. उनके तीखे बयान और आक्रामक अंदाज अक्सर ही सुर्खियों में रहते हैं. 

असदुद्दीन औवेसी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लाल किले के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में RSS की तारीफ की तीखी आलोचना की. उनका कहना था कि संघ का महिमामंडन करना स्वतंत्रता संग्राम का अपमान है. उन्होंने दावा किया कि संघ और उसके सहयोगी कभी आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं हुए, बल्कि उन्होंने तो भारत छोड़ो आंदोलन जैसे अभियानों का विरोध किया था. 

उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदुत्व की विचारधारा बहिष्कार में विश्वास करती है और भारतीय संविधान के मूल्यों के विपरीत है. ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी एक स्वयंसेवक हैं. उन्हें आरएसएस की तारीफ करनी थी तो नागपुर जा सकते थे, प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले से ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ गई?

बता दें कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने का जिक्र किया था और इसे दुनिया के सबसे बड़े एनजीओ की गौरवशाली और शानदार यात्रा बताया था. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com