सुप्रीम कोर्ट पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुनाएगा. संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को 2019 में निरस्त किया गया था. इसके बाद से जम्मू कश्मीर में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं... इस दौरान विकास की कई योजनाओं को धरातल पर उतारा गया. आतंकी हमले कम हुए हैं. वहीं, पयर्टन को भी बढ़ावा मिला है. आइए आपको बताते हैं कि इन 4 साल में राजनीति, सुरक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के क्षेत्र आदि में क्या बदलाव देखने को मिल हैं...
सुरक्षा में सुधार
-साल 2018 में 228 आतंकी हमले हुए, इसमें 91 जवान शहीद हुए और 55 आम लोगों की जान गई.
-15 नवंबर 2023 तक सिर्फ 41 आतंकी हमले हुए हैं और इस दौरान 20 जवान शहीद व 13 लोगों की मौत हुई.
-वहीं, पत्थरबाज़ी की घटनाएं भी ख़त्म हो गई हैं.
राजनीतिक में क्या-क्या बदला
- तीन स्तरीय पंचायती राज सिस्टम लागू हुआ है.
- ब्लॉक डेवपलपमेंट काउंसिल का पहली बार चुनाव हुआ.
- पंचायत, शहरी निकायों को कई अधिकार दिये गए हैं.
- मतदान से वंचित कुछ समुदाय को वोटिंग का अधिकार मिला है.
- अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 9 विधानसभा सीट आरक्षित हुई हैं.
आदिवासी शिक्षा
- 8 नए ट्राइबल हॉस्टल, 200 स्मार्ट स्कूल बने हैं.
- 6 एकलव्य मॉडल रिहायशी स्कूल बने हैं.
- 2,000 आदिवासी समाज के लोगों का स्किल डेवलपमेंट हुआ है.
- 46,000 आदिवासी समाज के छात्रों को स्कॉलरशिप मिली है.
महिलाओं की बहाली
- हर ज़िले में महिलाओं के लिए स्पेशल सेल बनाए गए हैं.
- पुलिस में 15% महिला आरक्षण लागू किया गया है.
- पुलिस में दो अतिरिक्त महिला बटालियन का गठन किया गया है.
शिक्षा क्षेत्र में हुए ये बदलाव
- IIT और IIM जम्मू में कामकाज शुरू
- AIIMS जम्मू को चालू किया गया
- AIIMS कश्मीर का निर्माण जारी
- 50 नए डिग्री कॉलेज बनाए गए
- 28 B.Sc नर्सिंग और 19 B.Sc पैरामैडिक कॉलेज जोड़े गए
- MBBS की 800 सीट बढ़ाई गईं
- 5.50 लाख बच्चों को मुफ़्त टेस्टबुक
केंद्र सरकार के द्वारा जम्मू कश्मीर में शुरू की गई विकास परियोजनाओं का लाखों लोगों को लाभ मिला है.
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