सीमा पर तैनात सेना का जवान. (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने सेना के एक जवान द्वारा एक याचिका पर 10 जुलाई को सुनवाई करने का निर्णय लिया. इस याचिका में जवान ने खराब गुणवत्ता का खाना देने का आरोप लगाया है. इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की एक खंडपीठ ने की जिसे पहले न्यायमूर्ति विनोद गोयल ने सूचीबद्ध किया था.
असम में तैनात जवान ने आरोप लगाया था कि खराब गुणवत्ता का खाना दिये जाने की शिकायत किये जाने के बाद जवानों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. उसके वकील ने मामले का कोई भी ब्यौरा देने से इंकार कर दिया और दावा किया कि जवान के जीवन को खतरा है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीएसएफ के एक जवान ने पहले एक वीडियो बनाकर यह दिखाकर दावा किया था कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता का खाना नहीं मिलता है. इस मामले में काफी हंगामा हुआ था. गृहमंत्रालय ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. बीएसएफ ने खाने की क्वालिटी खराब होने के आरोप को खारिज कर दिया था.
असम में तैनात जवान ने आरोप लगाया था कि खराब गुणवत्ता का खाना दिये जाने की शिकायत किये जाने के बाद जवानों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. उसके वकील ने मामले का कोई भी ब्यौरा देने से इंकार कर दिया और दावा किया कि जवान के जीवन को खतरा है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीएसएफ के एक जवान ने पहले एक वीडियो बनाकर यह दिखाकर दावा किया था कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता का खाना नहीं मिलता है. इस मामले में काफी हंगामा हुआ था. गृहमंत्रालय ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. बीएसएफ ने खाने की क्वालिटी खराब होने के आरोप को खारिज कर दिया था.
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