केरल की वामदल-नीत सरकार ने कई दिन से चले आ रहे तल्ख विवाद के बाद बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के कैबिनेट ने गवर्नर को पद से हटाने के लिए अध्यादेश लाने के पक्ष में मत दिया. इससे पहले, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने सूबे में मौजूद सभी नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा देने के लिए कहा था.
इसके बाद सभी कुलपति गवर्नर के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट पहुंच गए थे.
विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर गवर्नर के साथ जारी राज्य सरकार के विवाद में सबसे नया मुद्दा कुलपतियों की नियुक्ति ही था. केरल के उच्चशिक्षा मंत्री आर. बिन्दु ने कहा कि सरकार राज्य में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में गवर्नर के स्थान पर विशेषज्ञ शिक्षाविदों को तैनात करना चाहती है.
अक्टूबर में, सुप्रीम कोर्ट ने तिरुअनंतपुरम स्थित ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (KTU) की कुलपति के तौर पर डॉ राजश्री एम.एस. को बर्खास्त कर दिया था, और विश्वविद्यालय नियमों के उल्लंघन को आधार बनाया था.
नियमानुसार, कुलाधिपति एक आधिकारिक कमेटी द्वारा सिफारिश किए गए नामों के पैनल में से कुलपतियों की नियुक्ति कर सकते हैं. लेकिन सरकार ने सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुलाधिपति के पास 'कोई विकल्प नहीं था', क्योंकि नामों की कोई सूची भेजी नहीं गई थी. गवर्नर ने बाद में सीज़ा थॉमस को प्रभारी कुलपति नियुक्त कर दिया था.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि राज्यपाल द्वारा की गई नियुक्ति को फिलहाल रोक दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया था.
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