नई दिल्ली:
कर चोरी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मील के पत्थर कदम के रूप में सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी का फैसला न केवल गंभीर चुनौती बना है, बल्कि इससे राजनीतिक कलह भी पैदा हुई है.
NDTV की एक जांच में पाया गया है कि दिल्ली में बिचौलिये दूसरों के 'ब्लैक' या बेहिसाब पैसे को व्हाइट या वैध बनाने के लिए अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी एवज में वह कुल राशि का 30 से 50 प्रतिशत तक अपना हिस्सा दलाली के रूप में ले रहे हैं.
नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर खड़े लोगों में से जब ने कुछ दावा किया वह अपने नोटों को बदलावाने आए हैं, तो उनके से कुछ ने स्वीकारा वे दूसरों की 'मदद' कर रहे थे.
इनमें से कुछ ने स्वीकार किया कि वह उन लोगों की 'मदद' के लिए खड़े हैं, जो अपने पैसे बदलवाने के लिए नहीं जा सकते.
'हम अपने खातों में आपके 2.5 लाख से अधिक की राशि डाल सकते हैं और बाद में उसे निकालकर आपको दे देंगे, लेकिन इसकी एवज में एक कीमत होगी, जोकि कुल राशि का 30 से 40 प्रतिशत तक हो सकती है'. खुद को एक रिटायर्ड बैंक गार्ड बताने वाले एक शख्स ने यह बात कही.
जाहिर तौर पर ऐसी लेनदेन और धन के शोधन के लिए रकम लेना गैरकानूनी होगी. इससे उस प्रावधान का दुरुपयोग होगा, जो लोगों को बिना किसी जांच के अपने खाते में 2.5 लाख रुपये तक जमा करने की अनुमति देता है.
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसके तीन बैंक खाते हैं और वह 7.5 लाख रुपये तक की 'देखभाल' कर सकता है. 20 लाख रुपये तक की राशि के लिए वह अपने परिवार और दोस्तों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल कर सकता है.
एक सावधानी के रूप में उसने कहा कि 'जब अधिकारी कुछ नहीं पूछेंगे, तब यह पैसा कुछ समय बाद वापस लिया जा सकता है'. उसने आश्वस्त किया कि 'उसके खातों में जमा यह पैसा सुरक्षित होगा और यह डील ईमानदारी से होगी'.
शहर के दूसरे हिस्सों में, उत्तरी दिल्ली में, इसी तरह की पेशकश खोजनी मुश्किल नहीं थी. हालांकि यहां दो लोगों ने कहा कि वह अपने खातों के जरिये यह काम करवाने की एवज में कुल राशि का 50 प्रतिशत तक हिस्सा लेंगे.
NDTV की एक जांच में पाया गया है कि दिल्ली में बिचौलिये दूसरों के 'ब्लैक' या बेहिसाब पैसे को व्हाइट या वैध बनाने के लिए अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी एवज में वह कुल राशि का 30 से 50 प्रतिशत तक अपना हिस्सा दलाली के रूप में ले रहे हैं.
नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर खड़े लोगों में से जब ने कुछ दावा किया वह अपने नोटों को बदलावाने आए हैं, तो उनके से कुछ ने स्वीकारा वे दूसरों की 'मदद' कर रहे थे.
इनमें से कुछ ने स्वीकार किया कि वह उन लोगों की 'मदद' के लिए खड़े हैं, जो अपने पैसे बदलवाने के लिए नहीं जा सकते.
'हम अपने खातों में आपके 2.5 लाख से अधिक की राशि डाल सकते हैं और बाद में उसे निकालकर आपको दे देंगे, लेकिन इसकी एवज में एक कीमत होगी, जोकि कुल राशि का 30 से 40 प्रतिशत तक हो सकती है'. खुद को एक रिटायर्ड बैंक गार्ड बताने वाले एक शख्स ने यह बात कही.
जाहिर तौर पर ऐसी लेनदेन और धन के शोधन के लिए रकम लेना गैरकानूनी होगी. इससे उस प्रावधान का दुरुपयोग होगा, जो लोगों को बिना किसी जांच के अपने खाते में 2.5 लाख रुपये तक जमा करने की अनुमति देता है.
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसके तीन बैंक खाते हैं और वह 7.5 लाख रुपये तक की 'देखभाल' कर सकता है. 20 लाख रुपये तक की राशि के लिए वह अपने परिवार और दोस्तों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल कर सकता है.
एक सावधानी के रूप में उसने कहा कि 'जब अधिकारी कुछ नहीं पूछेंगे, तब यह पैसा कुछ समय बाद वापस लिया जा सकता है'. उसने आश्वस्त किया कि 'उसके खातों में जमा यह पैसा सुरक्षित होगा और यह डील ईमानदारी से होगी'.
शहर के दूसरे हिस्सों में, उत्तरी दिल्ली में, इसी तरह की पेशकश खोजनी मुश्किल नहीं थी. हालांकि यहां दो लोगों ने कहा कि वह अपने खातों के जरिये यह काम करवाने की एवज में कुल राशि का 50 प्रतिशत तक हिस्सा लेंगे.
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